अहमदाबाद: क्षत्रिय समुदाय की कुछ महिलाओं ने गुजरात के गांधीनगर में भाजपा मुख्यालय के बाहर ‘‘जौहर’’ (आत्मदाह) करने की धमकी दी। उन्होंने पार्टी से ‘‘राजपूत विरोधी’’ टिप्पणी को लेकर लोकसभा चुनाव में परषोत्तम रूपाला की उम्मीदवारी वापस लेने की मांग की है। वहीं अहमदाबाद में उनसे मिलने से पहले पुलिस ने पांच महिलाओं और श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना को हिरासत में ले लिया। इसके अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में, क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों ने राजकोट में एक मार्च का आयोजन किया, जबकि देवभूमि द्वारका जिले के जाम खंभालिया शहर में, प्रदर्शनकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गुजरात इकाई के प्रमुख सीआर पाटिल की मौजूदगी वाले एक कार्यक्रम में घुसकर काले झंडे दिखाए और केंद्रीय मंत्री रूपाला के खिलाफ नारे लगाए।
मकराना को पुलिस ने हिरासत में लिया
बता दें कि राजकोट लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने यह दावा करके विवाद पैदा कर दिया था कि तत्कालीन ‘महाराजाओं’ ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे और यहां तक कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थी। गुजरात में क्षत्रिय समुदाय ने रूपाला की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई क्योंकि तत्कालीन राजघरानों में अधिकतर राजपूत थे। क्षत्रिय समुदाय के नेताओं के अनुसार, पांचों महिलाओं ने शाम को गांधीनगर में राज्य भाजपा मुख्यालय के बाहर ‘‘जौहर’’ करने की धमकी दी थी, जिसके बाद पुलिस को सुरक्षा बढ़ानी पड़ी थी। मकराना को भी महिलाओं से मुलाकात करने पहले ही हिरासत में ले लिया गया।
रूपाला के विरोध में करेंगे आंदोलन
एसीपी (एम डिवीजन) एबी वालंद ने कहा कि ‘‘उन्हें (मकराना) शाम को रिहा कर दिया गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात होने के कारण जिन महिलाओं को घर से निकलने से रोका गया, वे बाद में घर वापस चली गईं।’’ पुलिस द्वारा हिरासत में लिये जाने से पहले, मकराना ने संवाददाताओं से कहा कि वह क्षत्रिय महिलाओं से मिलेंगे और उन्हें ‘‘जौहर’’ जैसा कोई भी कड़ा कदम नहीं उठाने के लिए राजी करेंगे। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में रूपाला की उम्मीदवारी के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘राजपूत भाजपा का पारंपरिक वोट बैंक हैं। अगर ब्राह्मण और बनिया पारंपरिक रूप से भाजपा का समर्थन करते रहे हैं तो राजपूतों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। अब तक राजपूतों ने भाजपा को वोट दिया है। लेकिन अगर एक अकेले व्यक्ति के लिए मोदी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) जी केंद्र की सत्ता गंवाना चाहते हैं तो ऐसा ही होने दीजिए।’’ (इनपुट- भाषा)
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