गुजरात में क्षत्रिय समुदाय के नेता राज शेखावत ने केंद्रीय मंत्री और राजकोट लोकसभा सीट से उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला के विवादित बयान से नाराज होकर बीजेपी छोड़ दी है। परषोत्तम रूपाला हाल ही में क्षत्रिय समुदाय के खिलाफ एक टिप्पणी की थी जिसके विरोध में शनिवार को राज शेखावत ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि रूपाला ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुये दावा किया था कि कई राजपूत शासकों ने अंग्रेजों के साथ सहयोग किया था और उनके इस बयान की समुदाय के सदस्यों ने व्यापक निंदा की थी।
"पार्टी ने रुपाला के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की"
गौरतलब है कि शेखावत राजपूत समुदाय के संगठन करणी सेना के एक गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि वह तत्काल प्रभाव से सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। शेखावत ने कहा कि वह ‘समुदाय और सनातन धर्म के कल्याण’ के लिए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। टिकट वितरण में भाजपा पर अपने समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाते हुये, शेखावत ने कहा, ‘‘पार्टी नेतृत्व ने उनके (रूपाला) खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसलिए, मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।’’
क्षत्रिय समुदाय ने रुपाला के खिलाफ खोला मोर्चा
वहीं इससे पहले कल क्षत्रिय समुदाय के सदस्यों ने देशी रियासतों के पूर्व शासकों पर कथित टिप्पणी को लेकर केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था। इसके साथ ही समुदाय ने चेतावनी दी थी कि अगर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राजकोट संसदीय सीट से उम्मीदवार रूपाला को नहीं हटाती है तो पार्टी को हार का सामना करना पड़ेगा। समुदाय के प्रमुख नेताओं ने यहां बैठक की और राज्य भर में रूपाला का पुतला जलाने का फैसला किया। उन्होंने रूपाला के खिलाफ प्रदर्शन के तहत आने वाले दिनों में राजकोट में समुदाय की एक बड़ी सभा आयोजित करने का भी फैसला किया।
परषोत्तम रूपाला की माफी भी अस्वीकार
परषोत्तम रूपाला ने 22 मार्च को राजकोट में एक सभा को संबोधित करते हुए टिप्पणी की थी कि तत्कालीन महाराजाओं ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के आगे घुटने टेक दिए थे। रूपाला ने कहा था कि इन महाराजाओं ने उनके साथ रोटी-बेटी का संबंध रखा। रूपाला ने पहले ही अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांग ली है लेकिन समुदाय की समन्वय समिति ने इसे स्वीकार नहीं किया और कहा कि वह लोकसभा चुनाव के बाद यही भाषा बोल सकते हैं।
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