सूरत: सड़क दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाने (Hit & Run) के मामलों में कड़ी सजा के प्रावधान के खिलाफ मंगलवार को गुजरात के सूरत शहर में ट्रक ड्राइवरों का आंदोलन हिंसक हो गया। अपने प्रदर्शन के दरान ट्रक ड्राइवरों और प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया, जिसके बाद 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त (जोन-6) राजेश परमार ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना डुमास रोड पर मगदल्ला बंदरगाह के पास हुई जब बड़ी संख्या में ट्रक चालकों ने नए कानून को वापस लेने की मांग करते हुए सड़क पर ट्रैफिक को जाम कर दिया।
अधिकारी ने बताया कैसे हुआ था हमला
परमार ने कहा, ‘ट्रक ड्राइवरों ने रोड ब्लॉर कर दी और उस रास्ते से गुजरने वाली एक बस को भी रोक दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सूरत पुलिस की एक PCR वैन मौके पर पहुंची। जैसे ही वह गाड़ी वहां पहुंची, प्रदर्शनकारियों ने एक कॉन्स्टेबल पर हमला किया और उसके साथ मारपीट की।’ सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में, उग्र प्रदर्शनकारियों को एक पुलिसकर्मी का पीछा करते और उसके साथ मारपीट करते देखा जा सकता है। परमार ने कहा कि पुलिसकर्मी पर हमले की जानकारी मिलने के बाद सूरत पुलिस की एक अन्य टीम मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।
AIMTC बोली- हड़ताल वापस लें ड्राइवर
अधिकारी ने कहा कि 40 लोगों की भीड़ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है और उनमें से 23 को दंगा करने और एक पुलिसकर्मी पर हमला करने के आरोप में मौके से गिरफ्तार किया गया है। इस बीच ट्रक ड्राइवरों के संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने आश्वासन दिया है कि उसके सदस्यों के साथ चर्चा के बाद ही ‘हिट-एंड-रन’ (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों से संबंधित नए कानून लागू किए जाएंगे। AIMTC ने साथ ही ट्रक चालकों से अपनी हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया है।
‘अभी लागू नहीं हैं BNS के नए प्रावधान’
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि मंगलवार शाम केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक के बाद यह मामला सुलझ गया है। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत नए प्रावधानों को अभी तक लागू नहीं किया गया है। AIMTC के प्रतिनिधियों ने हिट-एंड-रन मामलों पर नए कानून पर चर्चा करने के लिए मंगलवार शाम को केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की जिसमें 10 साल तक की जेल की सजा और 7 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। ट्रक, बस और टैंकर के ड्राइवरों ने इसी कानून के खिलाफ सोमवार से 3 दिन की हड़ताल शुरू की थी। (भाषा)