गांधीनगर : राष्ट्रीय डिज़ाइन संस्थान के पूर्व निदेशक प्रद्युम्न व्यास को वर्ल्ड डिज़ाइन ऑर्गनाइज़ेशन (WDO) के प्रेसिडेंट के तौर पर चुना गया है। बता दें कि दो दिन पहले टोकियो में WDO की जनरल असेम्बली में प्रद्युम्न व्यास को 2023-2025 के निर्वाचित अध्यक्ष के तौर पर चुना गया, जिसके बाद वह 2025-2027 तक WDO के अध्यक्ष के तौर पर कार्यरत रहेंगे। प्रद्युम्न व्यास पहले भारतीय प्रतिनिधि हैं, जो WDO की अध्यक्षता करेंगे। वह पिछले चार सालों से इस संस्था के बोर्ड मेंबर के तौर पर कार्यरत हैं।
प्रद्युम्न व्यास 2019 में NID के निदेशक पद से रिटायर होने के बाद इन दिनों CII के वरिष्ठ एडवाइज़र के तौर पर काम कर रहे हैं। 1989 से वह NID के साथ जुड़े और 2009 से 2019 तक वह NID के डायरेक्टर रहे। उन्हीं के कार्यकाल में NID को इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेशनल इम्पोर्टेंस का स्टेटस भी मिला। साथ ही उस समय वह दस साल तक इंडियन डिज़ाइन काउंसिल के मेंबर सेक्रेटरी के तौर पर भी कार्यरत रहे। उन्हीं के कार्यकाल में देश में चार नए NID भी शुरू किये गए।
जापान में किए गए सम्मानित
बता दें कि मध्यप्रदेश के झाबुआ और धार जिलों के ट्राइबल स्कूलों में प्राथमिक शिक्षा से शुरुआत करके प्रद्युम्न व्यास IIT मुंबई तक पहुंचे। यहां उन्होंने मास्टर्स इन डिज़ाइन की डिग्री ली। साल 2019 में उन्हें जापान के इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन प्रमोशन की तरफ से GOOD DESIGNE FELLOW OF JAPAN के एवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है।
भारत में खुलेंगी नई संभावनाएं
वहीं प्रद्युम्न व्यास के WDO के प्रेसिडेंट के तौर पर चुने जाने के बाद भारत में डिज़ाइन रिसर्च एन्ड डेवलपमेंट के क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे। साथ ही भारतीय डिज़ाइनर्स के लिए वैश्विक मानचित्र पर नई संभावनाएं भी पैदा होंगी।
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