Monday, December 23, 2024
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"राष्ट्रीय ध्वज फहराएं, लेकिन सलामी नहीं दे सकते", पोरबंदर में मौलवी की ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद विवाद, पुलिस ने किया अरेस्ट

गुजरात के पोरबंदर में 15 अगस्त से पहले एक मौलवी की ऑडियो क्लिप वायरल हो गई, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मौलवी पर राष्ट्रीय झंडे का अपमान करने का आरोप है। मामले में पुलिस ने मौलवी को हिरासत में ले लिया है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Aug 12, 2023 20:17 IST, Updated : Aug 12, 2023 20:19 IST
तिरंगा
Image Source : FILE PHOTO तिरंगा

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस से पहले गुजरात के पोरबंदर में एक मौलवी की ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। आरोप है कि ऑडियो में मौलवी ने राष्ट्रीय झंडे का कथित तौर पर अपमान किया था। एक पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक (एसपी) भागीरथ सिंह जडेजा ने कहा कि आरोपी की पहचान वासिद रजा के रूप में हुई है। रजा के खिलाफ शुक्रवार को प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद कीर्तिमंदिर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।

मुसलमानों को राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए?

जडेजा ने बताया कि मौलवी पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने और विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। एसपी ने कहा, "पोरबंदर में नगीना मस्जिद के मौलवी से इस साल जनवरी में उसके व्हाट्सएप ग्रुप में पूछा गया था कि क्या मुसलमानों को राष्ट्रीय ध्वज फहराना चाहिए और उसे सलाम करना चाहिए और राष्ट्रगान गाना चाहिए।’’ जडेजा ने कहा, "एक ऑडियो प्रारूप में अपने जवाब में मौलवी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं, लेकिन उसे सलामी नहीं दे सकते। क्या मुसलमानों को राष्ट्रगान गाना चाहिए, इस प्रश्न पर मौलवी ने कहा कि उन्हें राष्ट्रगान में इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों के कारण ऐसा नहीं करना चाहिए।" 

राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान पर मौलवी की राय? 

मामले में आरोपी मौलवी बहार-ए-शरीयत नामक व्हाट्सएप ग्रुप का एडमिन है, जिसमें उससे राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान पर उसकी राय पूछी गई थी। जडेजा ने कहा, ग्रुप के एक ऑडियो क्लिप के आधार पर कीर्तिमंदिर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। मौलवी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153, 153 ए, 153 बी (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर किया गया कृत्य) और 505 व 505 ए (शत्रुता को बढ़ावा देने के लिए बयान, अफवाह फैलाना) के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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