अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावनगर के घोघा और सूरत के हजीरा के बीच ‘रोपैक्स’ फेरी सेवाओं का आठ नवंबर को लोकार्पण करेंगे। घोघा और हजीरा के बीच सड़क मार्ग से दूरी 370 किलोमीटर है। फेरी सेवा के जरिए लोग समुद्र मार्ग का इस्तेमाल कर सकेंगे और दोनों स्थानों के बीच दूरी मात्र 60 किलोमीटर रह जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी इस सेवा को आठ नवंबर को पूर्वाह्न 11 बजे डिजिटल माध्यम से हरी झंडी दिखाएंगे, जिसके बाद सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में स्थित दोनों स्थलों के बीच यात्रियों और भारी वाहनों की आवाजाही शुरू होगी।
हाजीरा में रो-पैक्स सेवा के लिए जिस टर्मिनल का निर्माण किया गया है उसकी लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई 40 मीटर है। इसकी लागत में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। टर्मिनल में व्यापक सुविधाएं हैं जिनमें प्रशासनिक कार्यालय भवन, पार्किंग क्षेत्र, सबस्टेशन और वॉटर टॉवर आदि शामिल हैं। रोपैक्स फेरी वाहन से एक चक्कर में 550 तक यात्रियों, 30 ट्रकों, सात छोटे ट्रकों और 100 दोपहिया वाहनों को ले जाया जा सकेगा। यह सेवा हर मौसम में और ऊंची लहरों के बीच भी चालू रहेगी।
पिछले रविवार को केंद्रीय जहाजरानी मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘‘सौराष्ट्र के तट में अपार संभावनाएं हैं। सीमेंट, इस्पात और पोत तोड़ने के कई उद्योग हैं जिनके दक्षिण भारत में बाजार हैं। समुद्र मार्ग के जरिए दूरी और समय को कम किया जा सकता है और इस प्रकार की सेवा औद्योगिक विकास में बड़ी भूमिका निभाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 7,500 किलोमीटर लंबे भारतीय समुद्री तट के पास कई स्थलों को चिह्नित किया है और वहां संभावनाओं का अध्ययन किया है तथा हम देशभर में कई स्थलों पर इस प्रकार की सेवा शुरू करने जा रहे हैं।’’ मांडविया ने कहा, ‘‘मोदी जी आठ नवंबर को कोच्चि (केरल में) में इसी प्रकार की सेवाएं शुरू करेंगे। असम में ब्रह्मपुत्र नदी और पूर्वोत्तर को कोलकाता से जोड़ने वाली सेवाएं शुरू की जाएंगी। बराक नदी पर असम में करीमगंज को बांग्लादेश से जोड़ने वाली सेवा आरंभ की जाएगी।’’
गुजरात में रोपैक्स सेवा से पहले मोदी ने अक्टूबर 2017 में भरूच जिले के दाहेज और घोघा के बीच रो-रो फेरी सेवा का उद्घाटन किया था, जिसे पिछले साल निलंबित कर दिया गया था। मांडविया ने कहा कि रो-रो सेवा नर्मदा नदी में बाढ़ के कारण गाद की वजह से प्रभावित हुई थी और अब घोघा एवं दाहेज के बीच छोटे पोत ही चलाए जाएंगे।