Highlights
- गुजरात शहरी नक्सलियों के सामने कभी नहीं झुकेगा: पीएम मोदी
- "शहरी नक्सली नए रूप में राज्य में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं"
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि ‘शहरी नक्सली’अपना चोला बदलकर गुजरात में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन यह राज्य उन्हें बर्बाद कर देगा। यहां भरूच जिले में देश के पहले ‘बल्क ड्रग पार्क’ की आधारशिला रखने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही और आम आदमी पार्टी पर करारा हमला किया। एक सरकारी बयान में कहा गया वर्ष 2021-22 में इन ड्रग्स का दवाइयों के कुल आयात में 60 प्रतिशत से ज्यादा का योगदान था और यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और थोक दवाओं के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मोदी ने कहा, ‘‘शहरी नक्सली नए रूप में राज्य में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने अपना चोला बदल लिया है। वह हमारे मासूम और ऊर्जावान युवाओं को गुमराह कर रहे हैं।’’
अपने युवाओं को बचाना है
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शहरी नक्सली ऊपर से आकर यहां पैर जमाने की कोशिशें कर रहे हैं। हम अपनी युवा पीढ़ी को बर्बाद होने नहीं देंगे। हमें देश को बर्बाद करने पर तुले इन शहरी नक्सलियों से अपने युवाओं को बचाना है। वे विदेशी शक्तियों के एजेंट हैं। गुजरात उनके समक्ष कभी अपना शीश नहीं झुकाएगा। गुजरात उन्हें बर्बाद कर देगा।’’ राजनीतिक गलियारों में एक वर्ग की ओर से ‘शहरी नक्सली’ शब्द का इस्तेमाल नक्सलियों के प्रति सहानुभूति रखने वालों और कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं किया जाता है। मोदी ने कहा कि ‘‘नक्सली मानसिकता वालों’’ ने सरदार सरोवर बांध परियोजना को रोकने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। पिछले महीने गुजरात दौरे पर आए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया था कि ‘शहरी नक्सली विकास विरोधी तत्व’ होते हैं और उन्हें राजनीतिक समर्थन हासिल होता है। उन्होंने कहा था कि नर्मदा नदी में सरदार सरोवर बांध परियोजना को अभियान चलाकर कई वर्षों तक रोका गया और कहा गया कि इससे पर्यावरण को नुकसान होगा।
नक्सलवाद आदिवासी युवाओं का जीवन बर्बाद कर रहा
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी पिछले दिनों आरोप लगाया था कि ‘शहरी नक्सलियों’ ने इस परियोजना का विरोध किया था। उन्होंने नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को ‘शहरी नक्सल’ करार दिया था। बहरहाल, मोदी ने कहा, ‘मैं विशेष रूप से अपने आदिवासी भाइयों से कहना चाहता हूं कि नक्सलवाद की शुरुआत पश्चिम बंगाल, झारखंड बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुई। नक्सलवाद हमारे आदिवासी युवाओं का जीवन बर्बाद कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे युवाओं को बंदूक थमाते हैं और उन्हें उकसाते हैं सभी जगह यह संकट था।’’ मोदी ने कहा कि वह जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उनके समक्ष यह चुनौती थी कि वह नक्सलवाद को गुजरात में ना पनपने दें।
'आज इस क्षेत्र के युवा डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे'
पीएम मोदी ने कहा, ‘‘मुझे अपने आदिवासी भाइ-बहनों को बचाना था जो अंबाजी से उमरगाम (गुजरात) के बीच रहते हैं। नक्सली वहां प्रवेश ना कर सकें और यह बीमारी ना फैले। इसके लिए हमने जनजातीय क्षेत्रों के विकास की परियोजना को आगे बढ़ाया।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी वजह से नक्सलवाद गुजरात में प्रवेश नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि उमरगाम से लेकर अंबाजी तक के स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती थी यदि 10वीं और 12वीं में विज्ञान की पढ़ाई ही नहीं होगी तो यहां के बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर कैसे बनेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के प्रयासों की वजह से आज यह संभव हो सका है कि इस क्षेत्र के युवा आज डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज लाखों बच्चों को छात्रवृत्ति मिल रही है। आदिवासी नेताओं के नाम पर बिरसा मुंडा और गोविंद गुरु विश्वविद्याालय हैं। आज आदिवसी युवा विश्वास से लबरेज हैं और उनके लिए अवसर भी बढ़े हैं।’’