Highlights
- भारत के सबसे बड़े मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट सेन्टर का उद्घाटन करेंगे मोदी
- अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में पूरे देश और गुजरात को मिली नई उम्मीद
- "वन गुजरात वन डायलिसिस" कार्यक्रम के तहत 188 डायलिसिस केंद्र करेंगे जनता को समर्पित
PM नरेंद्र मोदी मंगलवार (11 अक्टूबर) के दिन शहर के असरवा क्षेत्र में मंजुश्री मिल्स कंपाउंड में भारत के सबसे बड़े मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट सेंटर का उद्घघाटन करेंगे। जिसके साथ इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (IKDRC) के लिए एक नई सुबह की शुरुआत भी होगी। करीब 408 करोड़ रुपए की लागत से बनाए गए 850 बेडवाला स्टेट आफ दी आर्ट(अत्याधुनिक) अंग प्रत्यारोपण केंद्र प्रत्यारोपण से संबंधित इनके प्रक्रियाओं को अंजाम देने के लिए नवीनतम नैदानिक और क्लिनिकल(रोगलक्षण विश्लेषण) सुविधाओं से लैस है। यह केंद्र एक ग्यारह मंजिला (2 बेसमेंट प्लस ग्राउंड फ्लोर) की इमारत में स्थित है, जिससे मरीजों को बेहतर आराम और आसानी से सेवा प्रदान करने के लिए बनाया गया है।
22 हाई-टेक ऑपरेशन थिएटर के साथ मिलेगी विश्व स्तरीय सुविधाएं
IKDRC के नए भवन में 22 हाई-टेक ऑपरेशन थिएटर(OT) होंगे जिनमें 10 मॉड्यूलर और 10 गैर-मॉड्यूलर OT शामिल हैं। इसके अलावा आपातकालीन सर्जरी के लिए दो मिनी ऑपरेशन थिएटर भी बनाए गए हैं। नए भवन में 850 बेड और मेडिसिटी परिसर में पुराने किडनी अस्पताल में 450 मौजूदा बिस्तरों के साथ, प्रत्यारोपण से पहले और बाद में आवश्यक देखभाल की आवश्यकता वाले मरीजों की लिए संयुक्त क्षमता अब बढ़कर 1300 बेड की हो गई है। इसके अलावा, 100 से अधिक रोगियों के लिए 12 अल्ट्रा मॉडर्न इन्टेन्सीव केयर यूनिट(ICU) कार्यरत किए गए हैं, जो किसी भी स्तर पर संक्रमण से बचने के लिए प्रत्यारोपण से पूर्व और उसके बाद रोगियों को रखने के लिए कार्यरत है।
नए भवन में होगी विश्व स्तरीय आधुनिक ब्लड बैंक और लैब्स
नवनिर्मित भवन में एक विश्व स्तरीय आधुनिक ब्लड बैंक और इम्यूनोलॉजी परीक्षण, PLA मैच और स्टेम सेल परीक्षण करने के लिए लेबोरेटरीज से भी सज्ज है। IKDRC भारत का पहला सरकारी मान्यता प्राप्त प्रत्यारोपण केंद्र है, जिसने AUFI (एब्सोल्यूट यूटेराइन फैक्टर इनफर्टिलिटी) महिलाओं पर अत्यंत कठिन प्रत्यारोपण करने के लिए अगस्त 2022 में गुजरात सरकार से मंजूरी मिलने के बाद एक साथ दो गर्भाशय प्रत्यारोपण का रिकॉर्ड भी बनाया है।
अस्पताल में अपनाई जाएगी "नो पेपर पॉलिसी"
IKDRC-ITS के निदेशक डॉ. विनीत मिश्रा का कहना है कि, "हमने नए परिसर में पूरी तरह से पेपरलेस प्रक्रिया अपनाई है। जिससे मरीजों को निदान और परामर्श रिपोर्ट की हार्डकॉपी के बारे में चिंता किए बिना इलाज करवाने की सुलभता होगी। इसके अलावा प्रत्येक मरीज की पहचान एक विशेष कोड के माध्यम से की जाएगी, जिसके जरिए परिसर के भीतर मौजूद प्किसी भी कंम्पयूटर स्क्रीन पर केस हिस्ट्री मिल पाना आसान होगा। नए भवन में भर्ती हुए मरीजों को PM-JAY, स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम, SC/ST कार्ड, BPL कार्ड, LIG, CM फंड और PM फंड के अलावा स्वैच्छिक दान सहयोग राशि की भी सुविधा उपलब्ध होगी जिससे कोई भी रोगी अपना इलाज किफ़ायती कीमत पर करवा सके।
पीएम करेंगे 188 डायलिसिस सेंटर्स का शुभारंभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "वन गुजरात वन डायलिसिस" कार्यक्रम के तहत पूरे गुजरात में 188 डायलिसिस केंद्रों को जनता को समर्पित करेंगे। गुजरात डायलिसिस कार्यक्रम के तत्वावधान में गुजरात के सभी 252 तालुकों (तहसीलों) में डायलिसिस सुविधा प्रदान करना है। इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर (IKDRC-किडनी अस्पताल) अहमदाबाद, गुजरात सरकार के सहयोग से प्रदेश के सभी जिलों में इन डायलिसिस केंद्रों का रखरखाव और स्टाफ का संचालन करता है।
188 सेंटर्स पर मरीज उठा सकते हैं निशुल्क डायलिसिस उपचार का लाभ
एक केंद्रीयकृत सर्वर के माध्यम से त्रिस्तरीय स्तर पर सभी GDP केंद्रों में चल रहे प्रत्येक डायलिसिस की निगरानी की जाती है। प्रत्येक डायलिसिस सेशन किडनी अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट और तकनीशियन की निरंतर देखरेख में किया जाता है। इन 188 केंद्रों पर मरीजों को नि:शुल्क डायलिसिस उपचार मिलता है। उनके डायलिसिस सेशन की टेली-मॉनिटरिंग भी की जाती है, जिससे गुणवत्ता आधारित परिणामों के लिए रीयल टाइम डेटा का विश्लेषण किया जा सके।