गांधीनगर: राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले श्रमिकों को गुजरात सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली ‘अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा’ दुर्घटना बीमा योजना के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च किया। गुजरात के खेड़ा जिले के नडीयाद में डाक विभाग, इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के सहयोग से ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों के लिए यह योजना शुरू की गई। इसके साथ ही गुजरात श्रमयोगियों के लाभ के लिए इस अनूठी योजना को प्रायोगिक आधार पर शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस अवसर पर कहा कि अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना का उद्देश्य हमारे श्रमयोगियों के कल्याण और सुरक्षा को प्राथमिकता देना है, ताकि उन्हें दुर्घटना की स्थिति में वित्तीय सुरक्षा मिल सके। हमारा मकसद देश के विकास में श्रमिकों के योगदान एवं समर्पण को याद रखकर उन्हें सुरक्षा कवच प्रदान करना है।
केंद्रीय संचार राज्य मंत्री शदेवुसिंह चौहान ने श्रमयोगियों के परिश्रम और समर्पण की सराहना करते हुए इस योजना को सुरक्षित समाज के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि आगामी समय में भारत के 28 करोड़ श्रमिकों का डेटा लेकर उन्हें अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस योजना को आम लोगों के लिए भी जल्द शुरू किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि खेड़ा जिले में 60 दिनों के भीतर 1 लाख गरीब परिवारों को अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना का लाभ मिलेगा।
श्रमिकों को मिलेगा 10 लाख रुपए का बीमा कवच
अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 289 और 499 रुपए के प्रीमियम में श्रमिकों को मृत्यु या आंशिक विकलांगता की स्थिति में सहायता मिलेगी। दुर्घटना में श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी को 10 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, दुर्घटना में स्थायी विकलांगता की स्थिति में श्रमिकों को 10 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। श्रमिकों की मौत की स्थिति में उनकी संतानों को 1 लाख रुपए की शिक्षा सहायता भी दी जाएगी। इस तरह यह योजना श्रमयोगियों को सशक्त बनाने में काफी उपयोगी साबित होगी।
श्रमिक होगा चिंतामुक्त, जीवन में उगेगा नया सूरज
आम तौर पर रोज कमाने खाने वाले श्रमिकों का जीवन मुश्किलों से भरा होता है। रोजी के साथ दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त ही उनके जीवन की प्राथमिकता होती है। ऐसे में यदि किसी दुर्घटना में श्रमिक की मृत्यु हो जाती है या वह स्थायी रूप से विकलांग हो जाता है, तो यह परिस्थिति पूरे परिवार को अंधकार में धकेल देती है। पेट की आग बुझाने की जद्दोजहद में बच्चों की शिक्षा छूट जाती है। सरकार ने इन हालातों को ध्यान में रखकर ही अंत्योदय श्रमिक सुरक्षा योजना लॉन्च की है। इसके अंतर्गत किसी दुर्घटना की स्थिति में श्रमिक के परिवार को एक निश्चित सहायता राशि का भुगतान किया जाएगा। यह योजना न केवल श्रमिक के परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने और जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में मदद करेगी, बल्कि परिवार को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। कह सकते हैं कि इस योजना से श्रमिकों के सिर से चिंता का बोझ हट जाएगा और उनके जीवन में एक नया सूर्योदय होगा।
इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक के बारे में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 सितंबर, 2018 को इंडिया पोस्ट पेमेन्ट्स बैंक (आईपीपीबी) को लॉन्च किया था। आईपीपीबी की स्थापना संचार मंत्रालय के डाक विभाग के तहत, भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100 फीसदी इक्विटी के साथ की गई है। बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी के लिए सर्वाधिक सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने के दृष्टिकोण से की गई है। आईपीपीबी का मूल्य उद्देश्य बिना बैंक वाले और कम बैंकिंग सुविधा वाले लोगों के लिए बाधाओं को दूर करना है और 1,55,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 1,35,000) और 3,00,000 डाक कर्मचारियों के नेटवर्क का लाभ उठाकर अंतिम मील तक पहुंचना है। आईपीपीबी कैशलेस बैंकिंग सेवा के जरिए डिजिटल इंडिया के स्वप्न को पूरा कर रहा है।