Monday, November 18, 2024
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गुजरात: रैगिंग में नचाने और गाने के बाद छात्र को घंटों खड़े रखा, चली गई मेडिकल स्टूडेंट की जान, 15 पर FIR

पुलिस ने सभी आरिपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। साथ ही पुलिस की टीम मेडिकल कॉलेज के डीन और टीचरों से भी इस मामले में पूछताछ कर रही है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Updated on: November 18, 2024 18:04 IST
रैगिंग से चली गई मेडिकल स्टूडेंट की जान- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV रैगिंग से चली गई मेडिकल स्टूडेंट की जान

गुजरात के पाटन जिले में बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। मेडिकल कॉलेज के सीनियर छात्रों ने हॉस्टल के अंदर जूनियर छात्र के साथ रैगिंग की। इससे जूनियर छात्र की जान चली गई। पुलिस ने पाटन जिले में एक मेडिकल कॉलेज के 15 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि 18 वर्षीय छात्र की मौत के पहले छात्रों ने उसके संग रैगिंग की थी। 

तीन घंटे तक खड़े रखा

पुलिस ने कहा कि सभी आरोपी एमबीबीएस के दूसरे साल के छात्र हैं। उन्होंने मृतक छात्र सहित कुछ जूनियर छात्रों को शनिवार रात तीन घंटे से अधिक समय तक हॉस्टल के कमरे में खड़ा रखा। उन्हें मानसिक और शारीरिक यातना भी दी।

गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

पुलिस में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि उन पर गैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पाटन के धारपुर में जीएमईआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी छात्रों को अगले आदेश तक उनके हॉस्टल और शैक्षणिक गतिविधियों से निलंबित कर दिया गया है।

सीनियर छात्रों ने हॉस्टल में की रैगिंग

मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर हार्दिक शाह ने रविवार को बताया कि पीड़ित, एमबीबीएस का प्रथम वर्ष का छात्र अनिल मेथानिया शनिवार रात को कॉलेज के एक छात्रावास में अपने वरिष्ठों द्वारा रैगिंग के दौरान कथित तौर पर तीन घंटे तक खड़े रहने के बाद बेहोश हो गया। उसकी मौत हो गई। 

20 छात्रों के लिए गए बयान

डॉक्टर शाह की अध्यक्षता वाली कॉलेज की रैगिंग विरोधी समिति ने 26 छात्रों के बयान लिए। इसमें 11 प्रथम वर्ष के और 15 द्वितीय वर्ष के छात्र शामिल हैं। कॉलेज के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि समिति ने पाया कि प्रथम वर्ष के 11 छात्रों को 15 द्वितीय वर्ष के छात्रों के एक समूह द्वारा रैगिंग का शिकार बनाया गया था। 

15 आरोपियों पर केस दर्ज

सोमवार को आधी रात के तुरंत बाद बलिसाना पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई। प्राथमिकी के अनुसार, 15 आरोपियों ने मेथानिया और उसके सहपाठियों सहित 11 प्रथम वर्ष के छात्रों को शनिवार रात इंट्रोडक्शन के लिए छात्रावास के एक कमरे में बुलाया। उन्होंने जूनियर छात्रों को लगभग साढ़े तीन घंटे तक खड़ा रखा और उन्हें गाने और नाचने, अपशब्द बोलने और कमरे से बाहर न निकलने के लिए मजबूर किया। छात्रों को मानसिक और शारीरिक यातना दिए जाने के कारण मेथानिया की तबीयत बिगड़ गई। 

अश्लील शब्दों का भी किया गया इस्तेमाल

पीड़ित आधी रात के करीब बेहोश होकर गिर पड़ा। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एफआईआर में ये सारी बातें कही गई हैं। कॉलेज के अतिरिक्त डीन डॉ. अनिल भठीजा की शिकायत के आधार पर, 15 छात्रों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या, गलत तरीके से बंधक बनाना, गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना और अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है।

पीटीआई के इनपुट के साथ

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