अहमदाबाद: कोरोना की खतरनाक दूसरी लहर के बाद गुजरात के अहमदाबाद में 80 फीसदी लोगों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हो गई है। अहमदाबाद शहर के विभिन्न हिस्सों से लगभग 5,000 लोगों पर किए गए सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण से पता चला है कि सर्वेक्षण में शामिल 81.63 प्रतिशत लोगों के शरीर में कोविड-19 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो गई हैं। अधिकारियों ने सोमवार को हालिया सर्वेक्षण का हवाला देते हुए बताया कि जिन लोगों ने कोरोनो वायरस वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में एंटीबॉडी का स्तर ज्यादा है जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाया है।
यह सर्वेक्षण सार्स-कोव दो के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए किया गया था। अहमदाबाद नगर निगम ने यह सर्वेक्षण 28 मई से तीन जून के बीच कराया था जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर मंद पड़ रही थी। निगम के स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भविन सोलंकी ने बताया, “हम एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए नियमित अंतराल पर सीरोसर्विलांस अध्ययन करते हैं। अहमदाबाद की कुल मिलाकर 80 फीसदी सामान्य आबादी में एंटीबॉडी मिली हैं। जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ही हैं, उनमें उन लोगों की तुलना में एंटीबॉडी का स्तर ज्यादा है जिन्हें अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाया है।"
उन्होंने बताया कि अध्ययन के लिए कुल 5,001 नमूनों को लिया गया जिनमें से 32 नमूनों को विभिन्न कारणों से खारिज कर दिया। सोलंकी ने बताया कि 4969 नमूनों का परिणाम आ गया है जिनमें से 2354 पुरुष और 2615 महिलाएं हैं। सर्वेक्षण के मुताबिक, कोविड वैक्सीन की खुराक लगवाने वाले जिन लोगों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया, उनमें से अधिकतर ने कोविशील्ड का वैक्सीन लगवाया था।
उसमें कहा गया है कि बहुत कम लोगों ने कोवैक्सीन का वैक्सीन लगवाया था। सर्वेक्षण के मुताबिक, जिन लोगों ने कोवैक्सीन का वैक्सीन लगवाया है उनमें उन लोगों की तुलना में एंटीबॉडी अधिक हैं जिन्होंने कोविशील्ड का वैक्सीन लगवाया है।
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