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Gujarat: गुजरात चुनाव से पहले केंद्र का बड़ा फैसला, पड़ोसी मुल्कों से आकर राज्य में बसे अल्पसंख्यकों को मिलेगी भारत की नागरिकता

Gujarat: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले और इस समय गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को नागरिकता कानून 1955 के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Nov 01, 2022 16:14 IST, Updated : Nov 01, 2022 16:20 IST
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
Image Source : PTI केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

Gujarat: गुजरात में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता को लेकर बड़ा फैसला किया है। गुजरात के दो जिलों आणंद और मेहसाणा में रह रहे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। गृह मंत्रालय ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है। 

नागरिकता कानून 1955 के तहत सिटीजनशिप

केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले और इस समय गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई लोगों को नागरिकता कानून 1955 के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी। ये लोग लंबे समय से गुजरात में शरणार्थी के रूप में रह रहे थे।

देश के नागरिक का प्रमाण पत्र दिया जाएगा

गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 6 के तहत और नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के अनुसार इन सभी को भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी या उन्हें देश के नागरिक का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। 

आवेदन ऑनलाइन जमा करने होंगे

अधिसूचना में ये भी कहा गया है कि गुजरात के इन दो जिलों में रहने वाले ऐसे लोगों को अपने आवेदन ऑनलाइन जमा करने होंगे, जिनका वेरिफिकेशन जिला स्तर पर कलेक्टर की ओर से किया जाएगा। आवेदन और उस पर रिपोर्ट एक साथ केंद्र सरकार के लिए ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। कलेक्टर जरूरी समझने पर आवेदक के नागरिकता पाने के लिए उपयुक्त होने को लेकर किसी भी तरह की जांच कर सकते हैं।

गुजरात चुनाव के लिए कभी भी हो सकता है ऐलान

दरअसल, विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के बजाय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता देने का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में इसे गुजरात चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। गुजरात में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी समय हो सकती है।

गौरतलब है कि 2019 में पारित सीएए (CAA) में भी तीनों देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है। हालांकि, सीएए अभी तक लागू नहीं किया गया है, क्योंकि इसके तहत नियम बनाए जाने बाकी हैं, इसलिए इसके तहत किसी को अभी नागरिकता नहीं दी जा सकती।

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