Sunday, November 24, 2024
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'जबतक देश में हिंदू बहुसंख्यक तबतक ही होंगी संविधान और सेकुलरिज्म की बातें'- नितिन पटेल

गांधीनगर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने ये भी कहा वो सभी मुस्लिमों या ईसाईयों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर देशभक्त हैं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 28, 2021 17:47 IST
Nitin Patel statement Talks about Constitution secularism will last only till Hindus in majority in - India TV Hindi
Image Source : TWITTER.COM/NITINBHAI_PATEL 'जबतक देश में हिंदू बहुसंख्यक तबतक ही होंगी संविधान और सेकुलरिज्म की बातें'- नितिन पटेल

अहमदाबाद. गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। नितिन पटेल ने कहा है कि देश में भारत का संविधान, कानून और सेकुलरिज्म की बातें तब तक ही होंगी जब देश में हिंदू बहुसंख्यक है, जैसे ही हिंदू अल्पसंख्यक होंगे, वैसे ही देश में कोर्ट, लोकसभा, संविधान औऱ सेकुलरिज्म कुछ हीं बचेगा।

उन्होंने कहा, "संविधान, कानून, धर्मनिरपेक्षता की बात करने वाले ऐसा तब तक करते रहेंगे जब तक इस देश में हिंदू बहुसंख्यक हैं। भगवान ऐसा होने से रोकें, लेकिन अगर अगले 1,000-2,000 वर्षों में, हिंदुओं की संख्या कम हो जाती है, और दूसरे धर्म के लोगों की संख्या बढ़ जाती है, तो कोई अदालत नहीं होगी, लोकसभा, संविधान, धर्मनिरपेक्षता ... वे सब कुछ गायब हो जाएगा, कुछ भी नहीं रहेगा।"

गांधीनगर में विश्व हिंदू परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने ये भी कहा वो सभी मुस्लिमों या ईसाईयों के बारे में  बात नहीं कर रहे हैं क्योंकि उनमें से अधिकतर देशभक्त हैं। उन्होंने कहा, "मैं उन सभी के बारे में बात नहीं करता। हजारों और लाखों मुसलमान, ईसाई देशभक्त हैं। हजारों मुसलमान भारतीय सेना में हैं, सैकड़ों मुसलमान गुजरात पुलिस बल में हैं। वे सभी देशभक्त हैं। लेकिन (मैं उन लोगों के बारे में बात कर रहा हूं) जो नहीं हैं।"

इस कार्यक्रम में बोलते हुए नितिन पटेल ने गुजरात धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 को चुनौती देने के लिए एक मुस्लिम संगठन (जमीयत उलेमा-ए-हिंद) की आलोचना की और कहा कि ये आश्चर्य है कि वे कानून द्वारा परेशान क्यों है जब यह धर्म-विशिष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार "लव जिहाद" के मामलों पर उठाई गई चिंताओं के कारण बहुत विचार-विमर्श के बाद अधिनियम में संशोधन लाई।

नितिन पटेल ने कहा, "मुझे उन लोगों से पूछना है जिन्होंने अदालत में रिट दायर की है, क्या आप तब भी अधिनियम को चुनौती देंगे यदि कोई (दूसरे धर्म से) आपकी बेटी को ले जाता है (जबरन शादी के लिए और उसका धर्म परिवर्तित करता है)? ... मुझे उस संगठन से पूछना है हिंदू लड़कियों के हिंदुओं से शादी करने, मुस्लिम लड़कियों से मुसलमानों से शादी करने, ईसाई लड़कियों की ईसाई से शादी करने, सिख लड़कियों की सिखों से शादी करने में उन्हें क्या आपत्ति है?''

गुजरात के डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि जब कानून हिंदू लड़के पर जबरन शादी करने और मुस्लिम लड़की का धर्म परिवर्तन करने पर समान रूप से लागू होता है, तो कानून से केवल मुस्लिम संगठन ही क्यों परेशान था। गुजरात उच्च न्यायालय ने हाल ही में मामले के लंबित रहने तक विवादास्पद अधिनियम की कई धाराओं पर रोक लगा दी थी।

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