गुजरात के मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद आज सोमवार को पीएम मोदी सरदार पटेल की जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी श्रद्धांजलि अर्पित की। वहां पीएम मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुःख जताया। पीएम मोदी ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं यहां हूं, लेकिन मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि, "मैं एकता नगर में हूं, मेरा मन मोरबी के पीड़ितों से जुड़ा है। शायद ही जीवन में मैंने बहुत कम ऐसी पीड़ा अनुभव की होगी। एक तरफ करूणा से भरा पीड़ित दिल है तो दूसरी ओर कर्त्तव्य पथ है। जिन लोगों को अपना जीवन गंवाना पड़ा हैं, मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।" उन्होंने कहा कि, अस्पताल में लगातार इलाज चल रहा है। हादसे की खबर मिलने के बाद ही CM भूपेंद्र पटेल मोरबी पहुंच गए थे। जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। राहत और बचाव कार्य में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
'2022 में राष्ट्रीय एकता दिवस को बहुत विशेष अवसर के रूप में मैं देख रहा हूं'
सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 2022 में राष्ट्रीय एकता दिवस को बहुत विशेष अवसर के रूप में मैं देख रहा हूं। ये वह वर्ष जब हमने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। हम नए संकल्पों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि, "अगर भारत के पास सरदार पटेल जैसा नेतृत्व न होता तो क्या होता? अगर 550 से ज्यादा रियासतें एकजुट न हुई होती तो क्या होता? हमारे ज्यादातर राजा रजवाड़े त्याग की पराकाष्ठा न दिखाते, तो आज हम जैसा भारत देख रहे हैं हम उसकी कल्पना न कर पाते। ये कार्य सरदार पटेल ने ही सिद्ध किया है।"
'जातियों के नाम हमें लड़ाने के लिए तरह तरह के नरेटिव गढ़े जाते हैं'
इस दौरान उन्होंने विपक्ष को भी निशाने पर लिया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि, "अतीत की तरह ही भारत के उत्थान से परेशान होने वाली ताकतें आज भी मौजूद हैं। जातियों के नाम हमें लड़ाने के लिए तरह तरह के नरेटिव गढ़े जाते हैं। इतिहास को भी ऐसे पेश किया जाता हैं कि जिससे देश जुड़े नहीं और दूर हो जाएं।" उन्होंने कहा कि, कई बार ये ताकत गुलामी की मानसिकता के रूप में हमारे अंदर घर कर जाती है। कई बार ये तुष्टिकरण के रूप में, कभी परिवारवाद के रूप में, कभी लालच और भ्रष्टाचार के रूप में दरवाजे तक दस्तक दे देती है। जो देश को बांटती और कमजोर करती है।
'करोड़ों लोगों ने दशकों तक अपनी मौलिक जरूरतों के लिए भी लंबा इंतजार किया'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हमारे देश के करोड़ों लोगों ने दशकों तक अपनी मौलिक जरूरतों के लिए भी लंबा इंतजार किया है। बुनियादी सुविधाओं की खाई जितनी कम होगी उतनी एकता भी मजबूत होगी। इसलिए आज देश में सैचुरेशन के सिद्धांत पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि, हर योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे। इसलिए आज हाउसिंग फॉर आल, डिजिटल कनेक्टिविटी फॉर आल, क्लीन कुकिंग फॉर आल, इलेक्ट्रिसिटी फॉर आल के सिद्धांत पर काम हो रहा है।