गुजरात सरकार ने सोमवार को विधानसभा को सूचित करते हुए बताया कि पिछले तीन वित्त वर्ष के दौरान राज्य में विभिन्न वजहों से 25 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें से करीब 500 विद्यार्थी थे। राज्य सरकार द्वारा सदन में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन साल के दौरान गुजरात के विभिन्न हिस्सों में 25,478 लोगों ने आत्महत्या की है जिनमें से 495 विद्यार्थी थे।
किस वर्ष कितने लोगों ने किया सुसाइड
कांग्रेस सदस्य इमरान खेड़ावाला के एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में 8,307 लोगों ने आत्महत्या कर ली जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 8,614 और 2022-23 में 8,557 लोगों ने आत्महत्या कर ली। गृह विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे पटेल ने कहा कि सुसाइड के सबसे ज्यादा (3,280) मामले अहमदाबाद शहर में दर्ज किए गए, जबकि सूरत शहर में 2,862 और राजकोट शहर में 1,287 मामले दर्ज किए गए।
'हेल्पलाइन नंबरों के जरिए दिया जाता है परामर्श'
सरकार के मुताबिक ऐसे अतिवादी स्टेप्स उठाने के कारणों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मामले, प्रेम मुद्दे, गंभीर बीमारी, पारिवारिक समस्याएं, वित्तीय संकट और परीक्षा में नाकाम होने का डर शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसे कदम उठाने से रोकने के लिए '181 अभयम' और '1096 जिंदगी' हेल्पलाइन नंबरों के जरिए परामर्श दिया जाता है।
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