Friday, November 22, 2024
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मोरबी पुल हादसा: अंतिम रिपोर्ट फाइल करने के लिए SIT को मिला 2 हफ्ते का और समय

पिछले साल अक्टूबर में हुए मोरबी पुल हादसे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक एसआई टी का गठन किया था, जिसे अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सौंपनी है।

Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: September 25, 2023 23:35 IST
Morbi bridge accident- India TV Hindi
Image Source : FILE मोरबी पुल हादसा

अहमदाबाद: पिछले वर्ष गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट से कहा है कि इस हादसे को लेकर जांच कर रहे विशेष दल को अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए और समय की मांग की है। यह एसआईटी अक्टूबर 2022 में मोरबी शहर में पुल के ढहने की जांच कर रही है। बता दें कि मोरबी में मच्छू नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज ढह गया था और इसके परिणामस्वरूप महिलाओं और बच्चों सहित 135 लोगों की जान चली गई और 56 अन्य घायल हो गए थे।

हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध मायी की खंडपीठ ने सरकार को दो हफ्ते की मोहलत दी है और इस बात पर जोर दिया गया है कि आपदा के बाद पिछले साल अदालत द्वारा शुरू की गई स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में कोई और स्थगन पर विचार नहीं किया जाएगा। अदालत ने अंतिम समय में दलीलें तैयार करने को लेकर भी सवाल उठाए, जिससे कार्यवाही में दिक्कतें आईं। गुजरात सरकार ने ढहने की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया, और इसने दिसंबर 2022 में एक अंतरिम रिपोर्ट पेश की। बता दें कि एसआईटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट में ओरेवा समूह द्वारा संरचना की मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियों पर प्रकाश डाला था।

ओरेवा समूह के एमडी हैं मुख्य आरोपी 

ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल, इस मामले में प्राथमिक आरोपी हैं और इन दिनों हिरासत में हैं। पिछली सुनवाई के दौरान 31 अगस्त को महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने अदालत को सूचित किया था कि एसआईटी की अंतिम रिपोर्ट तीन सप्ताह के भीतर उपलब्ध होगी और बाद में पीठ के समक्ष पेश की जाएगी। नवंबर, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को समय-समय पर जांच और पीड़ितों या उनके परिवारों के पुनर्वास और मुआवजे सहित त्रासदी के अन्य पहलुओं की निगरानी करने का निर्देश दिया था।

ओरेवा ग्रुप के पास थी पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी 

साल 1971 में ओधावजी राघवजी पटेल ने ओरेवा ग्रुप कंपनी की स्थापना अजंता तथा ओरपैट ब्रांड के तहत दीवार घड़ी बनाने के लिए किया था। बिजनेस में हाथ आजमाने से पहले वह एक स्कूल में विज्ञान के अध्यापक थे। पटेल का 88 वर्ष की आयु में इस महीने की शुरुआत में निधन हो गया था। ओरेवा ग्रुप अब लगभग 800 करोड़ रुपये आय वाली कंपनी घरेलू और बिजली के उपकरण, बिजली के लैंप, कैलकुलेटर, चीनी मिट्टी के उत्पाद और ई-बाइक बनाती है। इस साल मार्च में मोरबी नगर निकाय ने ओरेवा ग्रुप को पुल की मरम्मत और देखरेख का ठेका दिया था। वहीं ओरेवा ग्रुप ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि उसके यहां 6,000 से अधिक लोग काम करते और देशभर में 55,000 साझेदारों के जरिए वह अपने उत्पादों को बेचता है।

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