अहमदाबाद: भूपेंद्र पटेल के गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के एक दिन बाद बीजेपी सूत्रों ने संकेत दिया कि अगले 2 दिनों में और मंत्रियों के शपथ ग्रहण किए जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के शनिवार को अचानक इस्तीफा देने के बाद सोमवार को केवल भूपेंद्र पटेल (59) ने शपथ ली थी। गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता यमल व्यास ने मंगलवार को कहा, ‘चर्चा चल रही है और शपथ ग्रहण बुधवार या गुरुवार को होगा।’ उन्होंने कहा कि प्रक्रिया के तहत मंत्रियों के शपथ ग्रहण के समय उनके नामों की घोषणा की जाएगी।
नई कैबिनेट में बने रहेंगे नितिन पटेल?
नितिन पटेल को नई कैबिनेट में बनाए रखा जाएगा या नहीं, इसको लेकर पार्टी में अटकलें लगाई जा रही हैं। नितिन पटेल विजय रूपाणी के नेतृत्व वाले कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री थे। साथ ही रूपाणी कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा, आर. सी. फालदू और कौशिक पटेल को नई कैबिनेट में बनाए रखने को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि जहां तक संभव होगा वरिष्ठ नेताओं को कैबिनेट में शामिल करने का प्रयास किया जाएगा।
भूपेंद्र पटेल ने ली सीएम पद की शपथ
पार्टी सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली रवाना होने से पहले सोमवार रात पटेल और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सी. आर. पाटिल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस दौरान कैबिनेट गठन पर संभावित चर्चा हुई। पटेल को रविवार को सर्वसम्मति से बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया था और सोमवार को गांधीनगर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में शाह मौजूद थे। पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है। उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने के पीछे यह भी एक कारण माना जा रहा है।
2017 में बीजेपी ने जीती थीं 99 सीटें
कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने इस वर्ष 7 अगस्त को मुख्यमंत्री के तौर पर 5 वर्ष पूरे किये थे। ऐसे में जब दिसंबर 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, बीजेपी ने चुनाव में जीत के लिए पटेल पर भरोसा जताया है, जो कि एक पाटीदार हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने राज्य विधानसभा की 182 सीटों में से 99 सीटें जीतीं थी जबकि कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। (भाषा)