केंद्रीय मंत्री और राजकोट लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार परषोत्तम रूपाला बीते कई दिनों से क्षत्रिय समुदाय से लगातार आलोचना झेल रहे हैं। लेकिन इस बीच उनके समर्थन में गुजरात के राजकोट शहर में एक पाटीदार संगठन ने कई बैनर लगाए थे। लेकिन चुनाव अधिकारियों ने इन बैनरों को आदर्श आचार संहिता का हवाला देकर हटा दिया है। रूपाला के समर्थन में यह बैनर गुरुवार को लगाए गए थे। बता दें कि रूपाला की ओर से राजपूत समुदाय के संबंध में की गई एक कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के कारण क्षत्रिय समाज के लोगों में उनके प्रति काफी गुस्सा है।
रूपाला के खिलाफ विरोध और अनशन जारी
क्षत्रिय समुदाय तो रूपाला से इस कदर नाराज है कि उन्हें राजकोट सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में हटाए जाने की तक मांग कर रहा है। क्षत्रिय समुदाय ने ऐसा नहीं होने पर लोकसभा चुनाव से पहले देशव्यापी आंदोलन शुरू करने और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ मतदान करने की धमकी दी है। पाटीदार समुदाय से संबंध रखने वाले परषोत्तम रूपाला ने हालांकि अपने बयान के लिए माफी भी मांगी है। बुधवार को भी राजपूत समुदाय के एक ट्रस्ट परिसर में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने वाली महिला नेता पद्मिनीबा वाला ने दावा किया कि अगर भाजपा ने रूपाला को चुनाव उम्मीदवार के रूप में नहीं हटाया तो राजपूत महिलाएं ‘जौहर’ (आत्मदाह) तक करेंगी।
रूपाला के पोस्टरों में क्या था?
इसी क्रम में राजकोट में रूपाला के समर्थन में बैनर लगाए गए थे, जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गले लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। बैनर पर एक संदेश में लिखा है, ‘‘मैं हिंदुत्व के साथ हूं, मैं भाजपा के साथ हूं, मैं नरेन्द्र मोदी के साथ हूं, मैं परषोत्तम रूपाला के साथ हूं।’’ पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के सदस्यों ने शहर के अंबिका शहरी इलाके में ये बैनर लगाए थे। स्थानीय पीएएएस संयोजक मीत बवेरिया ने कहा, ‘‘हमने रूपाला के समर्थन में बैनर लगाए थे। चूंकि रूपाला पहले ही अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांग चुके हैं, इसलिए क्षत्रिय समुदाय को अब उन्हें माफ कर देना चाहिए। आदर्श आचार संहिता के मद्देनजर शुक्रवार को सुबह चुनाव अधिकारियों ने यह बैनर हटा दिए। ’’
परषोत्तम रूपाला के किस बयान पर बवाल?
गौरतलब है कि गुजरात की राजकोट लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रूपाला ने यह दावा करके विवाद पैदा कर दिया था कि तत्कालीन ‘महाराजाओं’ ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे और यहां तक कि अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी थी। गुजरात में क्षत्रिय समुदाय ने रूपाला की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई क्योंकि तत्कालीन राजघरानों में अधिकतर राजपूत थे। रूपाला की टिप्पणियों का एक वीडियो 22 मार्च को सोशल मीडिया पर आया था जिसके तुरंत बाद उन्होंने माफी मांग ली थी।
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