अहमदाबाद: अहमदाबाद क्राइम ब्रांच कथित ठग किरण पटेल की शैक्षणिक योग्यता की जांच करेगी। पटेल को खुद को PMO के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश करने के आरोप में पिछले महीने जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार किया गया था। पटेल को शनिवार तड़के गुजरात लाया गया और बाद में अहमदाबाद की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे 7 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया। अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) चैतन्य मांडलिक ने बताया कि पटेल दावा करता है कि वह कंप्यूटर इंजीनियर है तथा वह विज्ञापन एजेंसी एवं विदेश में काम कर चुका है।
‘हम किरण पटेल के दावों की जांच करेंगे’
मांडलिक ने कहा, ‘हम उसके दावों की जांच करेंगे। यदि उसकी शैक्षणिक डिग्री फर्जी पायी जाती है तो हम उसके विरुद्ध नयी FIR दर्ज करेंगे।’ क्राइम ब्रांच के मुताबिक, पटेल का दावा है कि उसने पहले यहां एक पॉलिटेक्निक से कंप्यूटर इंजीनियिंग में डिप्लोमा किया और फिर एक प्रमुख सरकारी अभियांत्रिकी महाविद्यालय से अभियांत्रिकी में ‘डिग्री कोर्स’ किया। पुलिस के मुताबिक, पटेल ने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में भारतीय प्रबंधन संस्थान से 2021-22 में एक-वर्षीय कार्यकारी MBA की पढ़ाई की।
पटेल ने यूं जुटाई थीं तमाम जानकारियां
पटेल ने पुलिस को बताया है कि वह अहमदाबाद में एक विज्ञापन एजेंसी में प्रोग्रामर की नौकरी करता था, जहां उसने राजनीतिक दलों के लिए विज्ञापन एवं वेबसाइट बनायीं। उसने बताया कि यह वही जगह है, जहां उसने राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों एवं परियोजनाओं की जानकारियां जुटाई। पुलिस के अनुसार पटेल को यहां एक महंगे इलाके में एक वरिष्ठ नागरिक का बंगला हड़पने से जुड़े एक मामले में शनिवार तड़के 3 बजे यहां लाया गया और गिरफ्तार किया गया। उसकी पत्नी मालिनी को 28 मार्च को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।
‘पटेल के दावों के हर पहलू की जांच की जाएगी’
पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘इन दावों के हर पहलू की जांच की जाएगी, जिनमें उसके सोशल मीडिया पोस्ट, शैक्षणिक डिग्री और संपत्तियां आदि शामिल हैं। पटेल ने कई सरकारी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, जहां उसने खुद को राजनीतिक पदाधिकारी से लेकर लेखक एवं कलाकार के रूप में पेश किया एवं मेहमानों को आमंत्रित किया।’ पुलिस ने कहा कि पटेल ने 2019 में दिल्ली में कथित रूप से ‘चलो इंडिया’ कार्यक्रम का आयोजन किया और उसने 2022 के G-20 सम्मेलन के वास्ते सरकारी लाभ पर दावा करने के लिए पंचसितारा होटल में एक कार्यक्रम किया।
ठग पटेल के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले
पुलिस उपायुक्त ने कहा, ‘हम सड़क मार्ग से उसे जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से अहमदाबाद लेकर आये। हमने मेडिकल जांच के बाद शनिवार तड़के करीब 3 बजे उसे हिरासत में लिया। पटेल के खिलाफ 5 FIR दर्ज की गयी हैं। उनमें श्रीनगर में एक और अहमदाबाद के नरोदा थाने, वड़ोदरा के रावपुरा थाने और अरावली जिले के बायाड में दर्ज मामले शामिल हैं।’ इन मामलों का संबंध किराये पर लिये गये 16 चार पहिया वाहनों को बेचने, वड़ोदरा में एक गरबा कार्यक्रम की सजावट और रोशनी व्यवस्था के सिलसिले में 1.55 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने, राजनीतिक पहुंच का हवाला देकर निवेश के बहाने एक व्यक्ति से डेढ़ करोड़ रुपये ठगने से है।
‘हम उससे कई चीजों के बारे में पूछताछ करेंगे’
मांडलिक ने कहा, ‘लोगों को ठगने के लिए पटेल राजनीतिक प्रभाव वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में खुद को गलत तरीके से पेश करता था और दिखावा करता था। हम संपूर्ण जांच कर रहे हैं। हम उसके सोशल मीडिया, शैक्षणिक डिग्री और संपत्तियों के सिलसिले में उससे पूछताछ करेंगे।’ क्राइम ब्रांच ने जगदीश चावड़ा नामक एक व्यक्ति की शिकायत पर उसके खिलाफ FIR दर्ज की थी। चावड़ा ने कहा था कि पटेल ने उसके बंगला को मरम्मत करवाने के नाम पर अपने अवैध कब्जे में ले लिया। इस शिकायकर्ता के अनुसार पटेल ने इस बंगले का जीर्णोद्धार कार्य उसके मालिकों को विश्वास में लेकर शुरू किया और किस्तों में 35 लाख रुपये भी लिये।
‘बंगले के लिए मालिक पर ही कर दिया केस’
चावड़ा का कहना है कि बाद में पटेल बंगले पर स्वामित्व का दावा कर बैठा और उसने एक कोर्ट में दीवानी मामला दर्ज कर दिया। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले महीने पटेल को खुद को कथित तौर पर केंद्र सरकार के ‘अवर सचिव’ के रूप में पेश करने तथा सुरक्षा एवं अन्य मेहमाननवाजी का मजा लेने के आरोप में श्रीनगर के एक फाइव स्टार होटल से गिरफ्तार किया था। अहमदाबाद में एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें 15 अप्रैल की शाम तक 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया, हालांकि अपराध शाखा ने 14 दिन की हिरासत मांगी थी।
‘आरोपी ने दिए थे 50 लाख के 4 चेक’
क्राइम ब्रांच ने अदालत से कहा कि वह उन दस्तावेजों की जांच करना चाहती है, जिनका इस्तेमाल आरोपी ने PMO के एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में किया था और उन दस्तावेजों की भी जांच करना चाहती है, जिनका इस्तेमाल उसने अहमदाबाद में बंगले पर कब्जा करने की कोशिश में किया था। अदालत ने उसे सात दिन की हिरासत में भेजते हुए पाया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को धोखा देने के उद्देश्य से 50 लाख रुपये के 4 चेक दिए थे। (भाषा)