अहमदाबाद: गुजरात के भरूच से भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनसुख वसावा भाजपा से इस्तीफा देने के एक दिन बाद बुधवार को कहा कि उन्होंने अपने वरिष्ट नेताओं से के साथ बातचीत के बाद पार्टी छोड़ने का विचार त्याग दिया है। बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से मुलाकात के बाद मनसुख वसावा ने अपना इस्तीफा वापस लेने का फैसला कर लिया है। दोनों नेताओं की करीब 45 मिनट तक मीटिंग चली, जिसके बाद मनसुख वसावा ने बीजेपी छोड़ने का अपना निर्णय वापस ले लिया है।
इससे पहले मंगलवार को मनसुख वसावा ने इस्तीफा देने के बाद कहा था कि उनकी पार्टी और सरकार से कोई शिकायत नहीं है। मेरे करीबी दोस्त भी जानते हैं कि मैं पिछले लंबे समय से बीमार चल रहा हूं। मैंने पार्टी को पहले भी इस मामले में जानकारी दी थी। फिलहाल ये विवाद निपट गया है और जनवरी में राज्य में स्थानीय निकाय के चुनाव हैं, ऐसे में सीएम रुपाणी की कोशिश ने डैमेज कंट्रोल जरूर कर लिया है।
वसावा ने मंगलवार को पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि वह संसद के बजट सत्र में लोकसभा के सदस्य के तौर पर भी इस्तीफा दे देंगे। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र का उनका विरोध इसकी वजह है। गुजरात के जनजाति बहुल भरूच से छह बार सांसद रहे वसावा (63) ने कहा था कि सरकार या पार्टी के साथ उनका कोई मुद्दा नहीं है और वह स्वास्थ्य कारणों से पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने इस बात से इनकार किया था कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में पारिस्थितिकी संवेदनेशील क्षेत्र घोषित करने के केंद्र सरकार के फैसले के चलते वह पार्टी छोड़ रहे हैं।
वसावा ने 28 दिसंबर को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आर सी पाटिल को लिखे पत्र में कहा था कि वह संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात के बाद भरूच से सांसद के तौर पर इस्तीफा दे देंगे। वसावा ने पत्र में कहा था कि उन्होंने पार्टी का वफादार बने रहने और पार्टी के मूल्यों को अपने जीवन में आत्मसात करने की पूरी कोशिश की लेकिन वह इंसान हैं और गलतियां उनसे हो सकती हैं। उन्होंने पत्र में कहा था, ‘‘मैं अंतत: एक मनुष्य हूं और मनुष्य गलतियां कर देता है। पार्टी को मेरी गलतियों के कारण नुकसान नहीं हो, यह सुनिश्चित करने के लिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं और पार्टी से माफी मांगता हूं।’’