Sunday, February 16, 2025
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गुजरात के चुनावी महाभारत में भाजपा तोड़ पाएगी लगातार जीत का सातवां फाटक या फिर बनेगी अभिमन्यु...देखें विश्लेषण

Gujrat Vidhansabha Chunav 2022:गुजरात विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन शेष नहीं रह गए हैं। क्या भाजपा अगले महीने गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना करेगी और 2002 के इलेक्शन ट्रेंड के अनुसार उसकी सीटें घटेंगी या फिर वह कोई नया रिकॉर्ड बनाएगी?...

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Nov 04, 2022 13:24 IST, Updated : Nov 04, 2022 19:19 IST
भाजपा (फाइल फोटो)
Image Source : PTI (FILE IMAGE) भाजपा (फाइल फोटो)

Gujrat Vidhansabha Chunav 2022:गुजरात विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन शेष नहीं रह गए हैं। क्या भाजपा अगले महीने गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर का सामना करेगी और 2002 के इलेक्शन ट्रेंड के अनुसार उसकी सीटें घटेंगी या फिर वह कोई नया रिकॉर्ड बनाएगी?...इस बार भाजपा के सामने उसके पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अलावा आक्रामक तरीके से मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी (आप) भी है। गुजरात में  भाजपा ने 1995 से लेकर अब तक लगातार छह बार चुनावी जीत दर्ज कर चुकी है। ऐसे में अब सातवीं बार चुनावी महाभारत के युद्ध का सातवां फाटक तोड़ना उसके लिए बड़ी चुनौती है।

ऐसे में सवाल है कि क्या भाजपा लगातार सातवीं बार जीत का जश्न मना पाएगी या इस बार वह अभिमन्यु साबित होगी यानि कि छठीं से अब सातवीं जीत की ओर नहीं बढ़ पाएगी। महाभारत में अभिमन्यु भी बहादुरी से लड़े थे, लेकिन जीत के सातवें फाटक तक वह नहीं पहुंच पाए थे। छठें फाटक पर ही उन्हें रोक लिया गया था। ऐसे में क्या भाजपा भी जीत के सातवें द्वार तक नहीं पहुंच पाएगी या फिर वह गुजरात में लगातार सात बार विधान सभा चुनाव जीतने का कोई नया रिकॉर्ड बनाएगी। इस बारे में मौजूदा हालात क्या कहते हैं। आइए आपको इस विश्लेषण के आधार पर समझाते हैं।

गुजरात जीतना पीएम मोदी और अमित शाह के लिए सीधी चुनौती

प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से ही आते हैं। उनके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य भी गुजरात ही है। ऐसे में गुजरात फतह करना पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह के लिए नाक का सवाल बन गया है। हालांकि गुजरात में पीएम मोदी 13 वर्षों तक सीएम रहे हैं और अब आठ वर्षों से देश के प्रधानमंत्री हैं। बावजूद उनका गुजरात से लगाव कम नहीं हुआ है। यही वजह है कि गुजराती भी पीएम मोदी से काफी लगाव रखते हैं। वहीं अमित शाह का भी गुजरात में काफी प्रभाव है। ऐसे में यह भाजपा के लिए अच्छा संकेत है।

गुजरात में भाजपा को छह बार से मिल रही जीत, लेकिन घट रही सीट
वैसे गुजरात में भाजपा पिछले छह बार से लगातार जीतती आ रही है, लेकिन हर चुनाव में उसकी सीटों का आंकड़ा कम होता जा रहा है। 182 विधानसभा सीटों वाले गुजरात में बहुमत के लिए 92 सीटों की जरूरत है। वैसे 2017 में गुजरात में भाजपा को 99 सीटों पर जीत मिली थी। इससे पहले के चुनावों में भी उसकी सीटें घटती आई हैं। अगर इस बार 2022 में भी पुराना ट्रेंड जारी रहा तो बीजेपी के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है। यह चुनाव मौजूदा सीएम भूपेंद्र पटेल के लिए भी परीक्षा की घड़ी है।

वर्ष 2002 से अब तक भाजपा को मिली सीटें
वर्ष                          सीट
2002                    127
2007                    117
2012                    116
2017                    99

मोरबी हादसा बन सकता है चुनावी मुद्दा
हाल ही में गुजरात के मोरबी में हुआ हैंगिग केबल ब्रिज हादसा भी इस चुनाव में मुद्दा बन सकता है। कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी इस पर अभी से भाजपा को घेरने के प्रयास में हैं। इस हादसे में आधिकारिक तौर पर अब तक 135 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। विपक्ष कार्रवाई के नाम पर छोटे कर्मचारियों को परेशान करने और बड़ी मछलियों (जिम्मेदारों) को बख्शने का आरोप लगाया है। ऐसे में इसका विपरीत असर भाजपा पर हुआ तो सीटों का नुकसान भी झेलना पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी पहली बार गुजरात चुनाव लड़ रही है और कांग्रेस बिखरी हुई पार्टी है। ऐसे में इसका फायदा भाजपा को मिला तो वह सातवीं बार चुनाव जीत सकती है।

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