गुजरात के बनासकांठा जिले में हिंदी फिल्मों की तरह एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। कर्ज में डूबे एक होटल व्यवसायी ने करीब 1.5 करोड़ रुपये के बीमा राशि को हासिल करने के लिए अपनी ही मौत की साजिश रची। हालांकि, बनासकांठा पुलिस ने इस योजना को विफल कर दिया। पुलिस ने दलपत सिंह परमार के तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी को अरेस्ट करने के लिए टीमें दबिश दे रही हैं। होटल व्यवसायी द्वारा खुद की मौत का नाटक किए जाने के खुलासे के बाद हर कोई स्तब्ध है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार शुक्रवार को वडगाम गांव में एक कार के जले हुए अवशेष मिले। वाहन के अंदर एक मानव शव के जले हुए अवशेष थे। जब पुलिस ने वाहन के पंजीकरण नंबर की जांच की, तो पता चला कि यह दलपत सिंह परमार का है। उसके परिवार के सदस्यों ने पुष्टि की कि शव उसका ही है, लेकिन पुलिस को शक की बू आ रही थी। कार में मौजूद शव के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए और नतीजे परिवार के सदस्यों से लिए गए नमूनों से मेल नहीं खाए।
पुलिस ने ऐसे खोली पोल
जब पुलिस ने गहराई से जांच की, तो उन्हें पता चला कि परमार ने होटल बनाने के लिए भारी कर्ज लिया था और वह कर्ज में डूबा हुआ था। बचने का रास्ता तलाशते हुए उसने कार दुर्घटना में अपनी मौत को फर्जी बनाने की योजना बनाई ताकि उसके परिवार को 1 करोड़ रुपये का दुर्घटना कवर और 23 लाख रुपये का बीमा भुगतान मिल सके। जांच में पता चला कि योजना यह थी कि जब तक उसके परिवार को पैसे नहीं मिल जाते, तब तक परमार छिपता रहेगा। होटल मालिक ने मदद के लिए उसके भाई समेत कुछ रिश्तेदारों को शामिल किया।
श्मशान से चुराई डेडबॉडी
बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना ने बताया कि होटल व्यवसायी ने चार महीने पहले मरे एक युवक का शव कार के साथ जलाया। उसने यह सब करोड़ो रुपए की लोन व बीमा पास कराने हेतु क्राइम को अंजाम दिया। आरोपी ने इसके लिए एक दफनाए गए शव को कार में रखकर आग लगाई। गुजरात में कुछ हिंदू संप्रदाय अपने मृतकों का अंतिम संस्कार करने के बजाय उन्हें दफनाते हैं। पुलिस अधीक्षक अक्षयराज मकवाना के अनुसार इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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