राजकोट: शहर के टीआरपी गेम जोन में आग लगने के बाद 27 लोगों की मौत हो गई। इस मामले में आज हाईकोर्ट में 4 घंटे तक सुनवाई चली। हाईकोर्ट ने तमाम अधिकारियों को फटकार लगाई और जवाब मांगा है। बता दें कि गेम जोन RMC, पुलिस और सड़क एवं भवन विभाग के अधिकारियों की निगरानी में चलता था। गेम जोन 2021 में चालू और तीन साल बाद मंजूरी मांगी गई। गेम जोन के पास फायर एनओसी तक नहीं था। निगम की नाक के नीचे बिना मंजूरी के गेम जोन चल रहा था। सवाल यह है कि बिना स्थानीय थाने की इजाजत के ऐसा गेम जोन कैसे चल सकता है। राजकोट घटना के बाद एएमसी, वीएमसी, एसएमसी ने भी नियमों की जांच शुरू की है। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से एक एसआईटी का गठन किया है। अंतरिम रिपोर्ट आज या कल उपलब्ध होने की गारंटी है।
निर्दोष लोगों की जान नहीं जानी चाहिए
सुनवाई के दौरान हाईकोर्टने कहा कि आग में प्रदेश के निर्दोष लोगों की जान नहीं जानी चाहिए। अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। इस तरह की मानव निर्मित घटनाओं से परिवार अपने सदस्यों को खोना कब बंद करेंगे इसका जवाब दिया जाना चाहिए। पक्षकारों को भवन और अस्थायी संरचना की अग्नि सुरक्षा के लिए सख्त आवश्यक उपाय करने का निर्देश दें। कमिश्नर सहित निगम के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। राज्य सरकार एसआईटी रिपोर्ट को हलफनामे के रूप में कोर्ट में दाखिल करेगी। ऐसा गेम जोन छोटे बच्चों की मौत की कीमत पर नहीं चल सकता। हम अदालत की अवमानना कर सकते हैं, लेकिन इस स्तर पर यह जरूरी नहीं है।
2021 से अब तक क्या कदम उठाए गए
हाईकोर्ट ने कहा कि 2021 के बाद ऐसी सभी घटनाओं के लिए हम मानते हैं कि नगर आयुक्त जिम्मेदार हैं, लेकिन इस स्तर पर हम कोई आदेश पारित नहीं करना चाहते हैं। कोर्ट के आदेशों की अवहेलना पर हम निलंबित कर सकते हैं, लेकिन हम एक मौका देना चाहते हैं। राजकोट नगर आयुक्त और जिम्मेदार अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे जवाब पेश करें कि वर्ष 2021 से अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट कमिश्नर शपथ लेंगे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी को शपथ पत्र प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया गया है।
ये हत्याकांड है, लापरवाही है याद रखिए
हाईकोर्ट ने कहा कि अग्नि सुरक्षा निकास, उपकरण, कर सहित विवरण प्रदान करें। अग्नि सुरक्षा और गेम जोन मुद्दे पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट और भविष्य की योजना के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया गया। राजकोट पुलिस कमिश्नर को भी स्पष्टीकरण देने के आदेश। आयुक्तों को अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले खेल क्षेत्रों की सूची देना अनिवार्य है। इसके साथ ही 3 जून तक कोर्ट में हलफनामा दाखिल करना होगा। इस मामले में अब 6 जून को अगली सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा है कि राजकोट म्युनिसिपल कमिश्नर को कोई राहत नहीं दी जाएगी। ये हत्याकांड है, लापरवाही है याद रखिए। कोर्ट ने कहा कि अभी हम सस्पेंड कर सकते हैं, लेकिन जवाब देने के लिए अभी सस्पेंड नही कर रहे हैं।
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