Highlights
- गुजरात में तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
- राज्य में कोमर्बिडिटी और हाई रिस्क मरीजों की मृत्यु का प्रमाण लगातार बढ़ रहा
- राज्य में इन कैटेगरी के मरीजों में होने वाली मृत्यु की संख्या अचानक बढ़ने लगी है
गुजरात में कोरोना के मामले जरूर स्थिर होने शुरू हुए हैं लेकिन कोरोना के कारण मृत्यु होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस वक्त परिस्थिति लगभग कोरोना की पहली लहर के बराबर होने लगी है जब राज्य में कोमर्बिडिटी और हाई रिस्क मरीजों की मृत्यु का प्रमाण लगातार बढ़ रहा था।
शुरू में देखा गया था कि वैक्सीनेशन की वजह से सभी प्रकार के लोगों में कोरोना के सामान्य लक्षण नजर आ रहे थे, लेकिन अभी पिछले कुछ दिनों से राज्य में इन कैटेगरी के मरीजों में होने वाली मृत्यु की संख्या अचानक बढ़ने लगी है। इसमें ओमिक्रॉन के ही एक नए वेरिएंट को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
यदि राज्य में तीसरी लहर के दौरान होने वाली कुल मृत्यु की संख्या को देखें तो पिछले 1 महीने में ही करीब 550 लोगों की मृत्यु हुई है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि उसमें से करीब ढाई सौ लोगों की मृत्यु पिछले 8 दिनों में हुई है। पिछले 8 दिनों से राज्य में हर रोज होने वाली मृत्यु की संख्या 30 से ऊपर रिकॉर्ड हो रही है जिसने एक चिंताजनक परिस्थिति पैदा कर दी है।
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनमें से अधिकतर पेशेंट कोमर्बिडिटी है या फिर सीनियर सिटीजन है। इसके अलावा किडनी और लीवर जैसे रोगों से पीड़ित मरीजों की संख्या भी इसमें शामिल है। मेडिकल एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि इनमें से कई मरीज ऐसे हैं जो देरी से लक्षणों के साथ हॉस्पिटल में रिपोर्ट कर रहे हैं, ऐसे मरीजों के केस में वैक्सीन लिए होने या ना लिए होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है।
यदि वेंटिलेटर पर रहने वाले मरीजों की संख्या पर गौर करें तो वह भी लगातार रोजाना 300 के ऊपर रिकॉर्ड हो रही है। पिछले 24 घंटों में भी गुजरात में प्राइवेट और सरकारी अस्पताल मिलाकर 325 से 350 मरीज वेंटिलेटर पर थे, ऐसी परिस्थिति में अब मेडिकल एक्सपर्ट कह रहे हैं कि वायरस को इतना भी लाइटली नहीं लेना चाहिए खास तौर पर यह वैरीएंट उन लोगों के लिए घातक हो सकता है, जो पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित है या 60 साल की उम्र से ज्यादा के हैं। इसलिए सावधानी बनाए रखनी पड़ेगी और कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना पड़ेगा।