गुजरात के पोरबंदर जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां के एक झोलाछाप डॉक्टर ने खांसी के इलाज करने के लिए दो माह की एक बच्ची को लोहे की गर्म छड़ से दाग दिया, जिसके बाद पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस उपाधीक्षक सुरजीत महेदू ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टर और बच्ची की मां के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि बच्ची को एक सरकारी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
माता-पिता ने घरेलू इलाज की कोशिश की
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, "बच्ची को एक सप्ताह से खांसी की शिकायत थी, जिसके बाद उसके माता-पिता ने घरेलू इलाज की कोशिश की, लेकिन उससे राहत नहीं मिली। इसके बाद बच्ची की मां उसे देवराजभाई कटारा नामक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गई, जहां उसने बच्ची के सीने और पेट पर लोहे की गर्म छड़ से दागा।"
बच्ची को पोरबंदर के भवसिंहजी अस्पताल ले गए
अधिकारी के मुताबिक, "मामले का खुलासा तब हुआ, जब बच्ची को राहत नहीं मिलने पर उसके माता-पिता उसे पोरबंदर के भवसिंहजी अस्पताल ले गए।" अधिकारी ने बताया कि बच्ची के पिता की शिकायत के आधार पर झोलाछाप डॉक्टर और बच्ची की मां के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 324 (जानबूझ कर किसी वस्तु से चोट पहुंचाना) और अन्य प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
आईसीयू में ऑक्सीजन के सहारे रखा गया
वहीं, अस्पताल के डॉक्टर जय बडियानी ने मीडियाकर्मियों को बताया, "बच्ची को सांस लेने में परेशानी होने पर 9 फरवरी को अस्पताल लाया गया था और उसे आईसीयू में ऑक्सीजन के सहारे रखा गया। इलाज के दौरान हमने पाया कि बच्ची के सीने पर लोहे की गर्म छड़ से दागा गया है, जिसके चलते उसकी समस्याएं बढ़ गईं।"
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