Highlights
- वंसिया ने कहा है कि शराबबंदी खत्म होने की राय उनकी व्यक्तिगत है।
- वंसिया इससे पहले भी शराबबंदी को हटाने की वकालत कर चुके हैं।
- 2017 में वंसिया ने पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़े थे।
Gujarat Liquor Ban: गुजरात के में जिस तरह से शराबबंदी का मुद्दा उठ रहा है, उसे देखकर लगता है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में यह अच्छी-खासी जगह घेरेगा। सूबे के पूर्व मंत्री खुमानसिंह वंसिया ने दावा किया है कि अगर भारतीय जनता पार्टी राज्य में शराबबंदी को खत्म कर दे, तो विधानसभा की सभी 182 सीट जीत लेगी। वंसिया ने शनिवार को बीजेपी के साथ नयी पारी शुरू की। उन्होंने बीजेपी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल की उपस्थिति में फिर से भगवा दल का दामन थाम लिया।
‘मैं आज भी अपने रुख पर कायम हूं’
वंसिया ने हालांकि बयान देते हुए यह भी कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है और वह इस मुद्दे पर वही करेंगे जो पार्टी उनसे कहेगी। बता दें कि वंसिया पहले भी राज्य में शराबबंदी खत्म करने की वकालत कर चुके हैं। जब उनसे शनिवार को उनके पुराने बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह आज भी अपने उस रुख पर कायम हैं। वंसिया 1995 में बनी केशुभाई पटेल की सरकार में मंत्री बने थे। उन्होंने यह भी कहा बीजेपी को यह आने वाले चुनावों में मदद कर सकता है।
‘BJP सभी 182 सीटें जीत लेगी’
वंसिया ने कहा, ‘यह मेरी निजी राय है और मैं आज भी अपने रुख पर कायम हूं कि हमें शराबबंदी से छुटकारा पाना चाहिए। मैं कह सकता हूं कि इससे बीजेपी सभी 182 सीटों को जीत लेगी। लेकिन मैं इस मुद्दे पर पार्टी की विचारधारा और रुख को मानने को लेकर प्रतिबद्ध हूं।’ वंसिया का बचाव करते हुए बीजेपी प्रवक्ता यग्नेश दवे ने कहा कि उन्होंने खुद ही स्पष्ट किया है कि यह उनकी निजी राय है। दवे ने कहा कि वंसिया ने खुद ही बोला है कि उनके व्यक्तिगत बयान को सरकार के रुख से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
‘शराबबंदी सिर्फ कागजों तक सीमित’
वहीं, राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने शराबबंदी के मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर एक बार फिर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोषी ने कहा कि गांधी और सरदार पटेल के गुजरात में करोड़ों लीटर शराब बह रही है और शराबबंदी सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गई है। यह सबको पता है कि पुलिस कैसे शराब की तस्करी करने वाली गाड़ियों की सुरक्षा करती है और युवाओं की जिंदगी शराब पीने से बर्बाद हो रही है। वंसिया ने वर्ष 2017 में पार्टी छोड़ दी थी और निर्दलीय चुनाव लड़े थे।