गुजरात हाईकोर्ट ने मोरबी ब्रिज हादसे का स्वत: संज्ञान लिया है और एक सप्ताह के भीतर पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी है। गृह विभाग, शहरी आवास, मोरबी नगर पालिका, राज्य मानवाधिकार आयोग सहित राज्य सरकार के अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था
गुजरात के मोरबी में छठ पूजा के मौके पर रविवार को हुए हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए । हादसा मच्छू नदी पर केबल ब्रिज टूटने की वजह से हुआ था। मोरबी पुलिस ने अब तक तीन सुरक्षा गार्ड, दो टिकट बुकिंग क्लर्क, दो ठेकेदार और ओरेवा कंपनी के दो मैनेजरों समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
25 अक्टूबर को हुआ था पुल का उद्घाटन
पिछले 7 महीने से यह पुल मरम्मत के लिए बंद था। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक पुल की मरम्मत और देखभाल का काम एक प्राइवेट कंपनी को 15 साल की लीज पर दिया गया था। लेकिन इस कंपनी ने पुल को जनता के लिए खोलने से पहले कोई फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया। गुजराती नव वर्ष दिवस (25 अक्टूबर) पर कंपनी के मालिक जयसुखभाई पटेल की पोती ने पुल का उद्घाटन किया था। शनिवार को जयसुखभाई पटेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह दावा किया था कि मरम्मत के बाद यह पुल अब इतना मजबूत हो गया है कि इसे कोई भी अगले 8 से 10 वर्षों तक हिला नहीं सकता ।