गुजरात हाईकोर्ट ने घरेलू हिंसा और द्विविवाह के आरोपों वाली एक शिकायत पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि तलाक के बाद भी बीवी भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत दहेज उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकती है। मगर इसके लिए कुछ परिस्थितियां होनी चाहिए। तलाकशुदा महिला जिस क्रुरता की शिकायत कर रही है, वो शादी के दौरान हुई होनी चाहिए।
क्या है मामला?
हमें मिली जानकारी के मुताबिक शिकायत करने वाली महिला ने 2005 में मुंबई में एक व्यक्ति से शादी कर ली थी। महिला की एक बेटी भी है। शादी के बाद दिक्कतें आने लगी तो महिला गुजरात में अपने घर पर आ गई। इसके बाद पति ने 2011 में मुंबई की एक पारिवारिक अदालत में तलाक के लिए याचिका दायर की और 2014 में तलाक हो गया। तलाक के बाद पति ने दूसरी शादी कर ली।
इसके बाद 2015 में महिला ने अपने पूर्व पति, उसकी नई पत्नी और पूर्व ससुराल वालों के खिलाफ क्रुरता, द्विविवाह और आपराधिक धमकी का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया। केस दर्ज होने के बाद पूर्व पति ने भी उच्च न्यायालय से मदद मांगी।
कोर्ट ने फैसले में क्या कहा?
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि- ऐसा लगता है कि महिला ने बदले की भावना से ये FIR दर्ज कराई है। पत्नी द्वारा की गई शिकायत में कहीं ये बात सामने नहीं आती है कि उसके पूर्व पति या ससुराल वालों ने शादी बरकरार रहने के दौरान उत्पीड़न किया है। ऐसे में केवल FIR के आधार पर जांच के आदेश देना अदालत की प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा। अदालत ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया कि तलाक के बाद की घटनाओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए लागू नहीं होता है।
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