गुजरात में विधानसभा चुनाव की तैयारी हो रही है। पिछले साल 13 सितंबर को भूपेंद्र भाई पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। पटेल को मुख्यमंत्री बने 200 दिन पूरे हो चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पटेल को पत्र लिखकर उनकी सरकार के 200 दिन पूरे होने की प्रशंसा की है।
मोदी ने लिखा, 'आपकी सरकार ने 200 दिन जितनी कम अवधि में अपने कुशल नेतृत्व से व्यापक लोकहित और गरीब कल्याण के लिए लिये हुए निर्णय दूरदर्शी और प्रशंसनिय है। पिछले महीने गुजरात के प्रवास से वापस आया तभी से मेरे मन में दो दिवस के मेरे गुजरात प्रवास के दौरान आपके द्वारा और गुजरात के नागरिकों द्वारा मेरे लिए दिखाए गए अभूतपूर्व स्नेह के लिए मेरी कृतज्ञता भावना रूप व्यक्त करने का सोच रहा था।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे लिखा, 'कोरोना के कारण लंबे समय बाद गुजरात आना हुआ। इसलिए काफी समय बाद घर आने जैसा एहसास हुआ। गुजरात की मुलाकात वो हमेशा के लिए विशेष यादगार रही है। दो दिवस का ये कार्यक्रम चिरस्मरणीय था। गुजरात के कर्मठ सरपंचो को मिलने का मुझे विशेष अवसर मिला। गुजरात के लोग अपने लोकतान्त्रिक मिजाज़ के लिए प्रसिद्ध है। उनका मायालु स्वभाव अनोखी पहचान है, मुझे इस बात का गौरव है की राज्य की एक के बाद एक बीजेपी सरकार ने राज्य के पंचायती संरचना को सुद्रढ़ बनाया है।'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'हमारे गावों में महत्तम अनुदान उपलब्ध कराने और विकास की संस्कृति खादी करने की दिशा में ये वचन बद्धता है। प्रजा के लिए परिश्रम पूर्वक कार्य करने का सरपंच भाइयों और बहानों में भारी उत्साह दिखाई दे रहा था। ख़ास कर महला सरपंचो के साथ बातचीत में उनका कार्य करने का उत्साह और प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष अनुभव हुआ। महिला सशक्तिकरण की दिशा में ये महत्वपूर्ण परिवर्तन है।'
पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे लिखा-
12 मार्च की वो सुबह जब मैं राष्ट्रीय रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी संकुल पहुंचा तब मेरा दिल भावनाओं से भर गया था। सालों पहले गुजरात को गुणवत्तायुक्त शिक्षण का हब बनाने के भाग रूप हमने ऐसी विशिष्ट यूनिवर्सिटी खादी की जो सुरक्षा के नए मानदंडो के अनुसार हो। मैंने जब प्रथम पद्विदान समारंभ में संबोधन किया तब वहां अभ्यास करने वाले सभी विद्यार्थियो में भारी आत्मविश्वास दिखा। आने वाले सालों में यह यूनिवर्सिटी हमारी शिक्षण पद्धति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए ऐसी मेरी कल्पना है। समग्र संकुल काफी रमणीय है।
खेल महाकुंभ की उर्जा और चेतना अनोखे थे। गुजरात में खेल-कूद का हब बनाने की दिशा में लिया गया ये कदम है। इतना ही नहीं हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे है वो मैं देख सकता हूँ। खेल-कूद की बढती हुई व्यापकता और नए नए अनेक खेल जुड़ते देख काफी आनंद हुआ। अब गुजरात रमत-जगत में भी नए सीमाचिन्ह सर करने के लिए तत्पर है ये साफ दिख रहा है।
इतनी गर्मी होने के बावजूद लोग मुझे आशीर्वाद से भिगोने के लिए उमड़ पड़े थे, दोनों रोड शो के दौरान ऐसे कई कार्यकर्त्ता के जाने माने चेहरे नज़र आये जिनके साथ सालों पहले काम करने का सद्भाग्य प्राप्त हुआ था। युवाओं की हाज़री भी साफ साफ नज़र आ रही थी जो युवा वर्ग का हमारे ऊपर का भरोसा दर्शाता है। अभिवादन करते बच्चों की आँखों में जो चमक दिखी वो मेरे लिए काफी भावनापूर्ण दृश्य था। इस सब का अपार स्नेह मेरा सौभाग्य है।
हाल ही में पुरे हुए विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में हमारे पक्ष की सरकार बन रही है उसका उत्साह साफ़ साफ़ नजर आ रहा था। ये दर्शाता है की देश की प्रजा को हम में अटूट विश्वास है और उनकी आकांक्षाओ को पूरी करने के लिए हम पर भरोसा किया है।
आपने मेरे साथ बातचीत में सदियों में कभी कभार ही देखने मिलने वाली महामारी कोविड-19 का गुजरात ने किस तरह सामना किया उसकी डिटेल्स दी। गुजरात के रसिकरण अभियान के आंकड़ों ने समग्र देश का ध्यान आकर्षित किया है। कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए लोगों ने स्वयं ज़िम्मेदारी समझ कर सहयोगात्मक पुरुषार्थ से ये सिद्धि हांसिल की है, ये आंकड़े उनकी चमक के सबूत है।
ऐसे सहयोगात्मक पुरुषार्थ गुजरातियों के लिए नया नहीं है। समय-समय पर इस प्रजा ने साबित कर दिखाया है। हम सब जानते है की आज़ादी की लड़ाई के दौरान साम्राज्यवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा राज्य किस तरह से महात्मा गाँधी और सरदार पटेल के साथ अडिग खड़ा था। समय के साथ राज्य के लोग राज्य को विविध क्षेत्रों में प्रगति की ऊँचाइयों तक ले गए। लोगों की सुजबुज़ से ही विकास की ये ऊंचाई साकार हो पाई है।
गुजरात के लोग जानते है कि मुख्यमंत्री के तौर पर मैंने गुजरात के किसाओं के लिए जल संचय पर विशेष भार दिया था। ख़ास तो किसान भाई-बहनों ने जल संचय पद्धति अपनाने का आग्रह किया था और आज भी मुझे ख़ुशी है कि उन्होंने इन सुचानों का अमल किया और जल संचय आजे जन आंदोलन बन चुका है।
परिणाम स्वरुप कच्छ जैसे जिले जो अकाल के लिए जाने जाते थे वो आज खेत उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हुए है। उसी तरह से मैं प्राकृतिक खेती के लिए इसी प्रकार की मुहीम के लिए अनुरोध करता हूं इस मामले में गुजरात ने माननीय राज्यपाल महोदय आचार्य देवव्रतजी से उत्तम कोई अनुभवी नहीं मिलेगा।
ये साल आज़ादी के अमृत महोत्सव का है, जो हमें आज़ादी के महान सेनानियों के सपने पूरे करने के लिए ज्यादा मेहनत के साथ काम करने की प्रेरणा देता है। हम सब कंधे से कंधा मिलाकर करें और नए भारत का निर्माण करें और हमारे स्वतंत्र सेनानियों को अर्पण की गई सच्ची अंजलि होगी।