अहमदाबाद। अपनी लंबित मांगों और सरकार से बार-बार आश्वासन मिलने के बाद भी मांगे पूरी न होने के कारण गुजरात के सरकार डॉक्टर आज से फिर हड़ताल पर हैं।
राज्य की सरकारी, GMERS द्वारा संचालित कॉलेज के और PHC केंद्रों डॉक्टर्स सभी प्रकार के काम से दूर रहेंगे। लगातार हड़ताल को लेकर गुजरात मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. रजनीश पटेल ने कहा कि 2012 से हम लंबित मांगों को लेकर सरकार से बातचीत कर रहे हैं।
31 मार्च तक समाधान का वादा किया था, नहीं हुआ पूरा
डॉक्टरों का कहना है कि सरकार ने हमारी लंबित मांगों को लेकर मांग पर 31 मार्च तक समाधान देने का वादा किया था। सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा के बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। लंबित मांगों के समाधान को लेकर सरकार ने अब तक 4 बार आश्वासन दिया है। सरकार मौखिक रूप से हमारी मांगों को मान लेती है, फिर उन्हें पूरा नहीं करती। पुरानी सरकार के सीएम-डिप्टी सीएम द्वारा हमारी मांगों के समाधान को स्वीकृति दी गई थी, नई सरकार ने इस समाधान को ख़ारिज कर दिया।
अगर हम हड़ताल पर जाते हैं तो हमारी मांगें मान ली जाती हैं, घोषणाएं की जाती हैं कि सरकार ने मांगें मान ली हैं।
सरकार के आश्वासनों और वादों पर भरोसा करते हुए पिछले 3 महीने से राज्य के सभी डॉक्टर अपनी मांगों को पूरा करने की उम्मीद में अपनी हड़ताल रद्द कर रहे हैं।
आज तक सरकार ने हमारी मांगों को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। हम नहीं जानते कि किस पर भरोसा करें, हमें धोखा दिया गया है। डॉक्टरों ने अब अंतिम समाधान होने तक हड़ताल खत्म करने की ठान ली है।
ये हैं डॉक्टरों की मांगें
1. सातवां वेतन नया एनपीए
2. अपर सीलिंग
3. एडहॉक सर्विस इशू
4. एम.ऑ. और ट्यूटर्स के लिए एंट्री पे करेक्शन्स
5. डीपीसी
6. सर्विस ज्वाइन पॉलिसी
7. 22.11.21 समाधान को रद्द कर दिया गया है और कोई रिकवरी नहीं है
8. लंबित सीएएस
9. GMERS को सरकारी मेडिकल कॉलेज के शिक्षकों की तरह ही लाभ दिया जाए
10. CAS के बाद रीडेज़ीग्नेशन ।
11. पीजी कोर्स में सेवारत डॉक्टरों के लिए आरक्षण
मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था
डॉक्टरों का दावा है कि हड़ताल से मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए अलग-अलग अस्पतालों में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल की ओपीडी में सुबह से ही मरीजों की लाइन लग गई। अहमदाबाद सिविल अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी स्वयं सभी ओपीडी में निरीक्षण के लिए पहुंचे। चूंकि सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर हैं, इसलिए कॉन्ट्रैक्ट वाले डॉक्टरों को एक्स्ट्रा ड्यूटी सौंपी गई है। डॉ. राकेश जोशी ने कहा कि वर्तमान में सभी ओपीडी की व्यवस्था इस तरह की जाती है कि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द सरकारी डॉक्टरों से बात कर समस्या का समाधान निकालेगी।
'अभी तक सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई'
हड़ताल पर अभी तक सरकार से कोई बातचीत नहीं हुई है। शाम तक समस्या का समाधान हो जाए ये सभी के हित में है। जो व्यवस्था की है, उसके अनुसार फिलहाल किसी भी ऑपरेशन को स्थगित करना पड़े ऐसी स्थिति का निर्माण नहीं हुआ है।
हालांकि क्या असर होगा, क्तिने ऑपरेशन स्थगित करने पड़ेंगे उसकी संख्या शाम तक पता चल जाएगी। फिलहाल सभी रेजिडेंट डॉक्टर और सिविल अस्पताल में कॉन्ट्रैक्ट पर के 60 डॉक्टर मरीजों के लिए कार्यरत हैं।