राजकोट: गुजरात के राजकोट शहर में टीआरपी गेमिंग जोन अग्निकांड की जांच एसआईटी करेगी। एडीजीपी सीआईडी क्राइम सुभाष त्रिवेदी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। शनिवार को आग लगने से 27 लोगों की मौत हो गई। पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए गेम जोन के संचालक, मालिक समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि राजकोट में बहुत ही दुखद दुर्घटना हुई है, इसमें अनेक बच्चों की जान गई है। शनिवार रात को ही SIT का गठन किया गया है जो मामले की जांच करेगी। संचालक और मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है।
शवों का पहचान करना हुआ मुश्किल
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गेमिंग गतिविधियों के लिए निर्मित फाइबर के एक ढांचे में शाम करीब साढ़े चार बजे आग लग गई। उन्होंने बताया कि शव पूरी तरह से जल गए हैं और उनकी पहचान करना मुश्किल है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नाना-मावा रोड स्थित गेम जोन में यह हादसा उस समय हुआ जब बच्चों सहित कई लोग खेल रहे थे।
एसआईटी करेगी मामले की जांच
राजकोट के जिलाधिकारी प्रभाव जोशी ने कहा कि गेम जोन में आग लगने की सूचना अग्नि नियंत्रण कक्ष को शाम करीब 4:30 बजे मिली। आग बुझाने के लिए दमकल गाड़ियां और एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं और मलबा हटाया जा रहा है। हालांकि, भीषण आग लगने का सही कारण पता नहीं चल पाया है। राज्य सरकार ने मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दी है।
मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा
वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया है। आग लगने के बाद राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी और शहर के सभी गेमिंग जोन को परिचालन बंद करने का संदेश जारी किया गया है।
सीएम पटेल ने ट्वीट किया, "राजकोट में आग की घटना पीड़ा देने वाली है। मैं इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों और उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।" उन्होंने कहा, "राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को चार लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देगी। यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि ऐसी घटना दोबारा न हो।" पटेल ने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और पूरी घटना की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंपी गई है।
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(भाषा इनपुट के साथ)