पालनपुर: गुजरात सरकार ने एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका में बसने और करीब 8 साल तक ड्यूटी से गायब रहने के बावजूद यह महिला कथित तौर पर स्कूल की टीचर बनी हुई हैं। बनासकांठा जिले के पंचा गांव में एक प्राइमरी स्कूल की प्रभारी प्रधानाचार्य ने दावा किया कि भावना पटेल हर साल केवल एक महीने के लिए ही ड्यूटी पर आती हैं और अमेरिका में रहने के कारण अनधिकृत छुट्टी पर रहती हैं, लेकिन इसके बावजूद वह स्कूल की टीचर बनी हुई हैं।
‘अगर दोषी पाई गईं तो वेतन वापस ले लेंगे’
प्रिंसिपल के आरोपों के बारे में जानकारी होने पर गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने जांच के आदेश दिए। पत्रकारों से बात करते हुए डींडोर ने कहा, ‘मैंने जांच के आदेश दिए हैं और जिला अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। हम इस तरह की प्रथा की अनुमति नहीं देते हैं। यदि अनधिकृत अनुपस्थिति की दोषी पायी जाती है, तो हम शिक्षिका को दंडित करेंगे और उसे दिया गया वेतन वापस लेंगे।’ शिक्षा राज्य मंत्री प्रफुल पनसेरिया ने कहा कि शिक्षिका को जनवरी से वेतन नहीं दिया गया है। पनसेरिया ने कहा, ‘वह बनासकांठा के दांता तालुका में 11 शिक्षकों में से एक हैं। अधिकारियों द्वारा दी गई प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार, वह नियमित अंतराल पर छुट्टियां लेती रही हैं।’
‘जनवरी से एक भी रुपया नहीं दिया गया’
मंत्री ने कहा, ‘अधिकारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उन्हें जनवरी से एक भी रुपया नहीं दिया गया है। अगर वह विदेश में रहने के बावजूद किसी अन्य लाभ का लाभ उठाने की दोषी पाई जाती हैं, तो हम कार्रवाई करेंगे।’ यह मामला तब सामने आया जब स्कूल की प्रभारी प्रधानाचार्य पारुल मेहता ने स्थानीय मीडिया को बताया कि 2016 में अमेरिका में बसने के बावजूद पटेल स्कूल की शिक्षिका बनी हुई हैं। मेहता ने कहा, ‘भावनाबेन पटेल 2016 में अमेरिका में बस गईं। लेकिन, अपनी सेवा जारी रखने के लिए वह साल में एक बार स्कूल आती हैं और एक महीने काम करती हैं। यह कई सालों से चल रहा है।’
‘अनुपस्थिति के कारण बच्चे परेशान हैं’
प्रिंसिपल ने आगे कहा, ‘उनकी लंबी अनुपस्थिति के कारण बच्चे परेशान हैं। उन्हें या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या ड्यूटी पर वापस आ जाना चाहिए।’ उन्होंने 18 जुलाई का एक पत्र भी साझा किया, जिसमें उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) विनुभाई पटेल से शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था, जो 2027 में रिटायर होंगी। मेहता ने दावा किया कि शिक्षिका ‘स्कूल मस्टर’ के अनुसार ‘बिना वेतन के छुट्टी’ पर होने के बावजूद हर साल दो महीने का वेतन लेती हैं। DEO ने अपने जवाब में कहा कि भावना पटेल पिछले 8 महीनों से अनधिकृत छुट्टी पर हैं और उन्हें जनवरी से वेतन नहीं मिला है।
‘शिक्षिका ने व्हाट्सऐप पर स्पष्टीकरण भेजा’
DEO ने कहा, ‘हमारे तालुका प्राथमिक शिक्षा अधिकारी (TPEO) को मई में निरीक्षण के दौरान इस बारे में पता चला और उन्होंने उन्हें नोटिस भेजा। अधिकारी ने उनके स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया और हमें आगे की कार्रवाई करने के लिए सूचित किया। हमने उन्हें पिछले 8 महीनों से वेतन नहीं दिया है।’ उन्होंने कहा कि शिक्षिका ने जनवरी में ड्यूटी पर रिपोर्ट किया और अमेरिका चली गईं। उन्होंने कहा कि जून में नोटिस मिलने के बाद शिक्षिका ने व्हाट्सऐप पर स्पष्टीकरण भेजा।
अभी तक क्यों बर्खास्त नहीं हो पाईं टीचर
DEO ने कहा कि राज्य सरकार के नियमों के अनुसार, शिक्षकों को सेवा से तभी बर्खास्त किया जा सकता है जब वे एक साल या उससे अधिक समय तक गायब रहें। उन्होंने कहा, ‘अपने जवाब में शिक्षिका ने कहा कि वह सितंबर में ड्यूटी पर आएंगी। हालांकि, उनके जवाब को खारिज कर दिया गया और उन्हें तुरंत काम पर आने को कहा गया है। अतीत में, हमने एक साल से अधिक समय तक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण 10 शिक्षकों को बर्खास्त किया है। हम फिर से नोटिस जारी करेंगे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।’