वडोदरा: एक शख्स जो खुद को गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का अधिकारी बताता था, उसपर एक महिला से रेप का आरोप भी है, अब जाकर पकड़ में आया है हैरानी बात तो ये है कि ये शख्स पहले भी गिरफ्तार हुआ था, लेकिन तब पुलिस गिरफ्त से फरार हो गया था। एक महिला से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद पुलिस हिरासत से फरार इस व्यक्ति को असम-मिजोरम सीमा के पास से पकड़ लिया गया है।
अदालत परिसर से हुआ था फरार
पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पुलिस आरोपी ठग विराज पटेल को सोमवार को वडोदरा लेकर आई है। पुलिस के मुताबिक, पटेल को 10 नवंबर को जब एक न्यायाधीश के सामने पेश करने के लिए लाया जा रहा था, तभी वह पुलिस के एक अधिकारी को चकमा देकर अदालत परिसर से फरार हो गया था। अधिकारी ने बताया कि उसे धोखाधड़ी, जालसाज़ी, बलात्कार और एक लोक सेवक के रूप में किसी विशेष पद पर रहने का झूठा दावा करने के आरोप में अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था और वह वडोदरा केंद्रीय कारागार में बंद था।
छत्तीसगढ़ से बिहार, असम और त्रिपुरा पहुंचा
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी विराज पटेल कथित रूप से खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी और गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) का अध्यक्ष बताता था। अधिकारी ने बताया कि पुलिस हिरासत से पटेल के फरार होने के बाद एक उपनिरीक्षक और एक कांस्टेबल को निलंबित किया गया था और उसे पकड़ने के लिए वडोदरा पुलिस की अपराध शाखा ने एक टीम गठित की थी। वडोदरा पुलिस की अपराध शाखा की ओर से जारी बयान के मुताबिक, गुजरात से फरार होने के बाद पटेल छत्तीसगढ़ पहुंचा, जहां से वह बिहार, असम और फिर त्रिपुरा गया।
आरोपी का लंबा आपराधिक इतिहास
पुलिस के मुताबिक, उसके बाद विराज पटेल असम और मिजोरम में कहीं छुप गया। पुलिस ने कहा कि पटेल के त्रिपुरा, असम और मिजोरम में होने का पता चलने के बाद अपराध शाखा ने उसपर नज़र रखने के लिए टीम गठित की, क्योंकि वह लगातार ठिकाना बदल रहा था। पुलिस ने बताया कि आरोपी का आपराधिक इतिहास है और उसके खिलाफ अहमदाबाद के थानों में चोरी व धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि उसे एक महिला से बलात्कार और धोखाधड़ी करने और फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल करने को लेकर वडोदरा में गिरफ्तार किया गया था।
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