नई दिल्ली। गुजरात के कच्छ में एक बार फिर आज रविवार (5 जुलाई) को शाम 5:11 भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई है। हालांकि, कोई नुकसान या जानहानि नहीं हुआ है। देश के अलग-अलग हिस्सों में लगातार आ रहे भूकंप को लेकर भू वैज्ञानिकों ने चिंता व्यक्त की है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, चंपई मिजोरम के 25 किलोमीटर दक्षिण दक्षिण-पश्चिम (SSW) में आज शाम 5:26 बजे रिक्टर स्केल पर 4.6 तीव्रता का भूकंप आया।
बता दें कि, इससे पहले पूर्वोत्तर भारत के भी कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। कोरोना संकट के बीच दिल्ली-NCR, गुजरात, उत्तर भारत में बार-बार महसूस किए जा रहे भूकंप के झटकों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में बीते दो महीनों में 15 से ज्यादा बार धरती हिली है। इसको लेकर एक्सपर्ट्स ने भी किसी बड़े भूकंप को लेकर संभावना जताई है। लगातार आ रहे भूकंपों के इन झटकों से वैज्ञानिक भी हैरान-परेशान हैं।
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे भूकंप से ज्यादा खतरा नहीं है बल्कि ये बड़े भूकंप के खतरे को कम कर सकते हैं, इसलिए इन भूकंप के झटकों से घबराने की नहीं बल्कि एहतियात बरतने की आवश्यकता है। गौरतलब है कि, गुजरात में भूकंप से लोगों के 2001 के जख्म हरे हो जाते हैं, जब 26 जनवरी के दिन सुबह आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए थे। कई शहर, कस्बे और गांव मलबे के ढेर में बदल गए थे। उस दिन भूकंप का केंद्र कच्छ में था और तीव्रता 6.9 थी।