Cyclone Biparjoy: अरब सागर में उठा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात के समुद्री तटों से टकरा चुका है। लैंडफाल के बाद तबाही का मंजर दिखना शुरू हो गया है। जगह-जगह बिजली के खंभे और पेड़ गिरे हैं। करीब 500 से ज्यादा बिजली के खंभे गिरे हैं। पेड़,घर, बिजली के खंभे हर चीज नुकसान की जद में है और इससे निपटने की भी पूरी तैयारी है। रेल मंत्रालय भी फुल एक्टिव मोड में हैं। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 5-6 घंटे में तूफान की रफ्तार कम होगी। कल शाम तक गुजरात में हवा की गति सामान्य हो जाएगी। तेज हवाएं चलने के कारण द्वारका में कई पेड़ उखड़े गए। कच्छ जिले के जखौ और मांडवी कस्बों के पास कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, जबकि घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली टिन की चादरें उड़ गईं।
100 किलो मीटर तक नुकसान, नहीं गई कोई जान
मौसम विभाग ने बताया कि जखौ में 100 किलो मीटर तक नुकसान हुआ है। राहत की बात रही है कि कहीं से भी किसी तरह के कैजुअल्टी की खबर नहीं आई। द्वारका ज़िले के एग्ज़ीक्यूटिव मजिस्ट्रेट ने बताया कि ज़िले में कई जगह से पेड़ और खंबे गिरने की शिकायतें आई हैं। लेकिन, राहत की बात ये है कि साइक्लोन से किसी इंसान को नुक़सान होने की ख़बर नहीं है।
लैंडफॉल आधी रात तक रहेगा जारी
समुद्र में उठ रहीं लहरें 5 मीटर तक ऊंची जा रही हैं। मौसम विभाग की मानें तो बिपरजॉय का लैंडफॉल आधी रात तक जारी रहेगा। बताया जा रहा है कि गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ के तट पर रेड अलर्ट जारी किया गया है। हालात ये है कि कच्छ और द्वारका में बिजली काट दी गई है। हवा की रफ्तार लगातार तेज हो रही है और बारिश भी उतनी ही तेज हो रही है। इस वक्त द्वारका, मांडवी, कच्छ, सोमनाथ, हर तरफ मूसलाधार बारिश हो रही है।
तबाही की तस्वीरें आना शुरू
मौसम विभाग ने बताया कि द्वारका में भी पेड़ गिरे हैं और जखौ में जीरो विजिबिलिटी है। वहीं कच्छ के भुज नालिया नेशनल हाईवे पेड़ गिरने के कारण बंद हो गया है। NDRF की 27 टीमें तटवर्ती इलाकों में तैनात की गई हैं। मौसम विभाग के DG मृत्युजंय महापात्र ने कहा है कि बिपरजॉय तूफान इस वक्त अपने सबसे खतरनाक रूप में है। 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं। मौसम विभाग के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान जाखौ पोर्ट के आसपास के सौ किलोमीटर के इलाके में हो सकता है। इस दौरान विंड स्पीड 120 से 140 किलोमीटर के आसपास रहने का अनुमान है। इस तूफानी बवंडर से तबाही की तस्वीरें आनी भी शुरू हो गई हैं।
पेड़ टूटे, बिजली के खंभे गिरे
वहीं द्वारिका में दर्जनों पेड़ उखड़ने की तस्वीरें आ रही हैं। हालांकि रेस्क्यू टीम के लोग तुरंत आरियों से पेड़ काट रहे हैं, जिससे राहत और बचाव अभियान में किसी तरह की मुश्किल ना आ सके। बिजली के खंबे भी उखड़ गए हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से तूफान प्रभावित इलाकों में बिजली पहले ही काट दी गई थी, मकानों और दुकानों पर लगे होर्डिंग भी उखड़ने लगे हैं।
हजारों मकानों की छतें उड़ गईं
अब तक मिली जानकारी के मुताबिक करीब 2000 कच्चे मकानों की छतें उड़ गई हैं। सरकार ने एक लाख लोगों को पहले ही सुरक्षित इलाकों में पहुंचा दिया था। तूफान प्रभावित शहरों में जो लोग अपने पक्के घरों में रुकें हैं, वो भी पूरी तरह खिड़कियां और दरवाजे बंद करके एक तरह से अपने घरों में कैद हैं। सरकार की तरफ से अपील की जा रही है कि जब तक प्रशासन ना कहे तब तक लोग बाहर ना निकलें।
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