सूरत: गुजरात दौरे के बाद शुक्रवार को नीति आयोग के एक सदस्य ने कहा कि खासकर दिल्ली और अहमदाबाद के अनुभवों को देखते हुए लगता है कि कड़ी पाबंदी के बिना भी महामारी को नियंत्रित किया जा सकता है। नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद पॉल केंद्रीय टीम का हिस्सा थे, जिसने संक्रमण रोकने की दिशा में गुजरात सरकार के प्रयासों की सराहना की। पॉल ने गांधीनगर में मीडिया से कहा, ‘‘बिना कोई सख्त पाबंदी लगाए हम महामारी को नियंत्रित कर सकते हैं। दिल्ली और अहमदाबाद ने यह साबित किया है। कुछ और समय तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। आबादी को देखते हुए यह लंबी यात्रा होगी।’’
इससे पहले दिन में, केंद्र सरकार के चार सदस्यीय दल ने सूरत में कोरोना वायरस की स्थिति की समीक्षा करने और स्थानीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देने के लिए शहर का दौरा किया। सूरत गुजरात में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र यानी नया हॉटस्पॉट बनकर सामने आया है। टीम के एक सदस्य एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भरोसा जताया कि अहमदाबाद की तरह सूरत में भी इस संक्रमण को काबू में कर लिया जाएगा। दक्षिण गुजरात के सूरत शहर में हाल के दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई है ।
दल में गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य विनोद पॉल, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव आरती आहूजा शामिल थीं। एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय दल ने मौजूदा हालात, इलाज के नियम और महामारी से लड़ने के लिए दवाइयों की उपलब्धता के बारे में सिविल अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों और डॉक्टरों से बातचीत की। पत्रकारों से बातचीत में गुलेरिया ने कहा कि उन्हें हीरा और कपड़ा उद्योग के हब सूरत में कोविड-19 के नियंत्रण में आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने उपचार प्रबंधन, दवाइयों और प्लाज्मा थेरेपी जैसे कई पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। हमने मुद्दों को समझा और समाधान दिए। हमें भरोसा है कि निकट भविष्य में मामले कम होंगे जैसे कि उन्होंने अहमदाबाद में किया।’’ गुलेरिया ने बताया कि केंद्रीय दल ने मरीजों के बेहतर इलाज, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और जांच बढ़ाने पर जोर दिया। बाद में टीम के सदस्यों ने मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और राज्य सरकार के अन्य अधिकारियों से मुलाकात की और अपनी प्रतिक्रिया दी ।