Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. गुजरात
  3. अहमदाबाद : ये होता है कोरोना वैक्सीन का असर, 74 दिनों में 552 केस मिले लेकिन 75% पर सिर्फ हल्का असर हुआ

अहमदाबाद : ये होता है कोरोना वैक्सीन का असर, 74 दिनों में 552 केस मिले लेकिन 75% पर सिर्फ हल्का असर हुआ

इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को मौत का ज्यादा खतरा नहीं है।

Reported by: Nirnay Kapoor @nirnaykapoor
Published on: December 14, 2021 20:52 IST
अहमदाबाद : ये होता है कोरोना वैक्सीन का असर, 74 दिनों में 552 केस मिले लेकिन 75% पर सिर्फ हल्का असर - India TV Hindi
Image Source : PTI अहमदाबाद : ये होता है कोरोना वैक्सीन का असर, 74 दिनों में 552 केस मिले लेकिन 75% पर सिर्फ हल्का असर हुआ

Highlights

  • अहमदाबाद में 74 दिनों में मिले कोरोना के 552 केस
  • इनमें से 414 यानी करीब 75% ने ले रखी थी वैक्सीन की दोनों डोज
  • वैक्सीन की दोनों डोज लेने वालों पर हुआ कोरोना का हल्का असर

अहमदाबाद: कोरोना वायरस का डेथ रेश्यो घटाने के लिए वैक्सीन एक मात्र रामबाण इलाज है। पिछले 74 दिनों में अहमदाबाद में आये कोरोना के मामले से ये साबित हो गया है। दरअसल, अहमदाबाद में पहली अक्टूबर से 13 दिसम्बर तक 74 दिनों में कोरोना के 552 मामले दर्ज हुए थे, जिनमें से 414 यानी करीब 75 फीसदी लोग ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी थीं। अहमदाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन ने यह जानकारी दी है। यहां गौर देने वाली बात यह है कि इन लोगों को कोरोना तो हुआ लेकिन उसका असर एकदम हल्का था, जिसके कारण पिछले तीन महीने में शहर में एक भी व्यक्ति की मौत कोरोना से नहीं हुई है। 

इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को मौत का ज्यादा खतरा नहीं है। बता दें कि हेल्थ विभाग की टीम ने आंकड़ों को एनालिसिस किया है। अहमदाबाद म्युनिसिपल कारपोरेशन के अनुसार, इन कुल मामलों में से 414 लोगों ने वैक्सीन के दोनों डोज ले रखी और इनमें कोरोना का गंभीर असर देखने को नहीं मिली। ज़्यादातर लोगों का इलाज घर पर ही हो गया। ज्यादातर उन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, जिन्हें कोरोना के साथ-साथ कोई पुरानी बिमारी भी थी।

एनालिसिस रिपोर्ट में ये भी पता चला कि कोरोना संक्रमित लोगों में से 28 लोगों ने वैक्सीन की एक ही डोज ली थी जबकि 21 लोगों ने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली थी। ऐसे 55 लोग थे, जिनकी उम्र 18 साल से कम थी, जिसकी वजह से उन्हें वैक्सीन नहीं दी गई थी। डॉक्टर्स के अनुसार, 'जिन्होंने वैक्सीन ली है, उन्हें कोरोना नहीं होगा, ऐसा जरूरी नहीं है। उन्हें कोरोना हो सकता है लेकिन ये तय है कि उनके शरीर की एंटी बॉडी और टी सेल-मेडीएटेड इम्युनिटी के करण कोरोना के खिलाफ लड़ने की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है।'

डॉक्टर्स के अनुसार, 'कोरोना की वैक्सीन लेने के कारण ये फायदा होता है कि भले ही कोरोना का वायरस अटैक करे, फिर भी बचने की संभावना ज्यादा होती है।' इसी बात को ध्यान में रखकर बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के चलते म्युनिसिपल हेल्थ विभाग द्वारा नया प्रयोग किया गया है, जिसमें शहर के पार्टी प्लॉट्स में चल रही शादियों और फंक्शन में जाकर वहां वैक्सीन सर्टिफिकेट की जांच की जाती है तथा 18 साल से ज्यादा उम्र वाले किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज लेनी बाकी हो तो उसे ऑन दी स्पॉट वैक्सीन दी जाती है।

इस ड्राइव के दौरान शुक्रवार को एक ही दिन में शहर के 30 पार्टी प्लॉट्स में 198 लोगों को वैक्सीन दी गई थी। दूसरी तरफ म्युनिसिपल कारपोरेशन द्वारा शहर में वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए घर सेवा शुरू की गई है, जिसमें अब तक कुल 3,873 लोगों को म्युनिसिपल कर्मचारियों द्वारा घर जाकर वैक्सीन दी गई है। खास तौर पर 50 साल ज्यादा उम्र के लोगों और 18 साल से ज्यादा उम्र के दिव्यांग लोगों के लिए वैक्सीनेशन घर सेवा शुरू की गई थी।

इसके साथ ही लोगों को वैक्सीन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए म्युनिसिपल कारपोरेशन द्वारा खाद्य तेल वितरण स्कीम भी अमल में लाई गई थी। साथ ही लकी ड्रा द्वारा लोगों को मोबाइल भी दिए गए थे।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें गुजरात सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement