Wednesday, November 20, 2024
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गुजरात के सभी 33 जिलों में 'सहकारी समितियों के बीच सहकार' पहल लागू की जायेगी, मंत्री ने बताई वजह

सरकार ने बयान में कहा कि यह प्रायोगिक परियोजना जून 2023 से जनवरी 2024 के बीच दो जिलों में शुरू की गई थी। बयान के अनुसार इस परियोजना अवधि के दौरान, 1,048 दुग्ध समितियों के मौजूदा बैंक खातों को जिला सहकारी बैंकों में समेकित किया गया।

Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: July 17, 2024 18:52 IST
गुजरात के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा- India TV Hindi
Image Source : X@MLAJAGDISH गुजरात के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा

अहमदाबाद: गुजरात के दो जिलों में प्रायोगिक आधार पर ‘‘सहकारी समितियों के बीच सहकार’’ पहल को सफलतापूर्वक शुरू करने के बाद राज्य सरकार ने इसे सभी 33 जिलों में लागू करने का निर्णय किया है। इस पहल का उद्देश्य गुजरात की हजारों सहकारी समितियों के बीच सहयोग को बढ़ाना है और इसके लिए विभिन्न जिला एवं राज्य सहकारी बैंकों में उनके बैंक खातों और जमाराशियों को केंद्रीकृत करना है।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की थी इस पहल की परिकल्पना

राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि इस पहल की परिकल्पना केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की थी और इसे गुजरात के बनासकांठा और पंचमहल जिलों में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था। गुजरात के सहकारिता मंत्री जगदीश विश्वकर्मा ने कहा कि प्रायोगिक आधार पर शुरू की गई इस परियोजना की सफलता के बाद सरकार ने गुजरात के सभी 33 जिलों में इस पहल को लागू करने का निर्णय किया है।

मंत्री ने परियोजना के बारे में दी जानकारी

जगदीश विश्वकर्मा ने कहा गया है कि इन दो जिलों में इस परियोजना के तहत सहकारी समितियों और उनके सक्रिय सदस्यों द्वारा जिला सहकारी बैंकों में चार लाख से अधिक नए खाते खोले गए, जिसके परिणामस्वरूप बैंक जमा में 966 करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई। इसमें कहा गया है कि इसे और मजबूत करने के लिए इन दोनों जिलों में सहकारी समितियों में 1,700 से अधिक ‘माइक्रो एटीएम’ स्थापित किए गए हैं।

सरकार ने कहा, ‘‘यह पहल सहकारी समितियों और उनके सदस्यों के विभिन्न वाणिज्यिक बैंकों में मौजूदा बैंक खातों को समेकित करती है, और उन्हें एक केंद्रीकृत जिला/राज्य सहकारी बैंकों के अंतर्गत लाती है।’’ विश्वकर्मा ने कहा कि इससे सहकारी समितियों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलती है और यह सुनिश्चित होता है कि सहकारी समितियों की सामूहिक पूंजी अन्य सहकारी समितियों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो।

दो जिलों में शुरू हुई थी योजना

सरकार ने बयान में कहा कि यह प्रायोगिक परियोजना जून 2023 से जनवरी 2024 के बीच दो जिलों में शुरू की गई थी। बयान के अनुसार इस परियोजना अवधि के दौरान, 1,048 दुग्ध समितियों के मौजूदा बैंक खातों को जिला सहकारी बैंकों में समेकित किया गया और अधिशेष धनराशि को उनके नए बैंक खातों में हस्तानांतरित किया गया।

इनपुट-भाषा

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