अहमदाबाद: कांग्रेस की गुजरात इकाई की ''कार्यशैली'' पर नाखुशी जाहिर करते हुए पार्टी नेता हार्दिक पटेल ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें राज्य इकाई में दरकिनार किया गया और नेतृत्व उनकी क्षमताओं का उपयोग करने का इच्छुक नहीं है। उच्चतम न्यायालय द्वारा वर्ष 2015 के दंगा और आगजनी मामले में हार्दिक की सजा पर रोक लगाने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का संकेत दिया था, जिसके बाद कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक ने अपनी नाखुशी जतायी है।
हार्दिक ने 2015 में गुजरात में पाटीदार समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आरक्षण प्रदान करने की मांग को लेकर चलाए गए आंदोलन की अगुवाई की थी। हार्दिक पटेल ने बुधवार को संवाददातओं से बातचीत के दौरान मशहूर पाटीदार नेता नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल करने में विलंब को लेकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा, ''नरेश पटेल को कांग्रेस में शामिल करने को लेकर पार्टी में जिस तरह की बातें हो रही हैं वो पूरे समुदाय का अपमान है। अब दो महीने से अधिक समय बीत चुका है। अब तक कोई फैसला क्यों नहीं लिया जा रहा? कांग्रेस आलाकमान या स्थानीय नेतृत्व को नरेश पटेल को पार्टी में शामिल करने के संबंध में जल्द निर्णय लेना चाहिए।''
हार्दिक ने दावा किया कि पाटीदार आरक्षण आंदोलन ने 2015 के स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस को अच्छी संख्या में सीट जीतने में मदद दी। उन्होंने कहा कि आंदोलन के चलते 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य की 182 सीटों में से 77 सीटों पर जीत मिली। हार्दिक पटेल ने दावा किया, ''लेकिन, इसके बाद क्या हुआ? कांग्रेस में भी कई लोग यह महसूस करते हैं कि 2017 के बाद पार्टी द्वारा हार्दिक का उचित उपयोग नहीं किया गया। ऐसा इसलिए भी हो सकता है क्योंकि पार्टी में कुछ लोग सोचते होंगे कि आज अगर मुझे महत्व दिया गया तो मैं पांच या 10 साल बाद उनके रास्ते में आ जाऊंगा।''
(इनपुट- एजेंसी)