गुजरात में एक खास मक्खी से दहशत फैल गई है। इस मक्खी को चांदीपुरा वायरस का कारण माना जा रहा है। अब इस वायरस चांदीपुरा का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों में दहशत व्याप्त हो गई है। जानकारी के मुताबिक गुजरात में अब तक चांदीपुरा वायरस के 27 संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं और 14 की मौत की भी खबर है। चांदीपुरा वायरस के सबसे ज्यादा मामले साबरकांठा और अरावली में मिले हैं। पंचमहल के गोधरा तहसील के कोटड़ा गांव की रहनेवाली बच्ची की बड़ौदा की एसएसजी अस्पताल में बुधवार को मौत हो गई।
गोधरा तालुका के कोटडा गांव में घर की दीवार में दरारों से रेत की मक्खियां दिखाई दी हैं, निगरानी टीम और स्वास्थ्य टीम ने मक्खियों को बरामद किया है। इन मक्खियों को जांच के लिए भेजा गया है। कहा जा रहा है कि इन मक्खियों की वजह से ही वायरस फैल रहा है। राज्य के 12 जिलों में इस वायरस के मामले सामने आए हैं। गुरुवार को गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों को निर्देश देंगे और उनसे इस बारे में जानकारी हासिल करेंगे। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 400 से अधिक घरों और 19,000 लोगों की जांच की गई है. "यह रोग संक्रामक नहीं है।"
क्या है चांदीपुरा वायरस
चांदीपुरा कोई नया वायरस नहीं है।
1965 में पहला मामला महाराष्ट्र में दर्ज किया गया था।
इस वायरस के मामले हर साल गुजरात में दर्ज किए जाते हैं।
यह बीमारी वेक्टर-संक्रमित सैंडफ्लाई के डंक से होती है।
यह मुख्य रूप से 9 महीने से 14 साल की उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में यह अधिक देखने को मिलता है।
बुखार, उल्टी, दस्त और सिरदर्द इसके मुख्य लक्षण हैं।
ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
राज्य सरकार ने सभी के लिए एडवाइजरी जारी की है।
क्या हैं चांदीपुरा वायरस के लक्षण?
चांदीपुरा वायरस होने से रोगी को बुखार की शिकायत होती है।
इसमें फ्लू जैसे ही लक्षण होते हैं और तेज एन्सेफलाइटिस होती है।
एन्सेफलाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जिससे दिमाग में सूजन की शिकायत होती है।
चांदीपुरा वायरस एक RNA वायरस है, जो सबसे ज्यादा मादा फ्लेबोटोमाइन मक्खी से फैलता है।
इसके फैलने के पीछे मच्छर में पाए जाने वाले एडीज जिम्मेदार हैं।
नागपुर के चांदीपुर में इस वायरस की पहचान हुई थी, इसलिए इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ गया।
चांदीपुरा के इलाज के लिए अभी तक कोई भी एंटी वायरल दवा नहीं बनाई जा सकी है।