गुजरात इन दिनों भारी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है। हजारों की संख्या में लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर विस्थापित करना पड़ा है। कई लोगों को रेस्क्यू भी किया गया। इस बीच गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भारी बारिश के बाद राहत कार्यों की समीक्षा करने के लिए देवभूमि द्वारका जिले का दौरा किया। पिछले पांच दिनों में खंभालिया में सबसे अधिक 944 मिमी बारिश दर्ज की गई। खंभालिया में मुख्यमंत्री ने बारिश के प्रभाव के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त की और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और तटरक्षक बल के सहयोग से चलाए जा रहे राहत कार्यों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने रामनगर और कंजर चेकपोस्ट के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और निवासियों का हालचाल जाना और प्रभावित लोगों के लिए किए गए प्रबंधों की भी समीक्षा की।
सीएम भूपेंद्र पटेल ने की समीक्षा बैठक
बता दें कि इस दौरान मुख्य सचिव राज कुमार के साथ द्वारका कलेक्टर कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जहां मुख्यमंत्री ने जिले में हुए नुकसान, निकासी और बचाव कार्यों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि पानी, मलबा और मिट्टी को साफ करने, सफाई और कीटाणुशोधन के लिए यदि आवश्यक हो तो अन्य जिलों से संसाधन जुटाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में सफाई और स्वच्छता को प्राथमिकता देने की आवश्यकताओं पर जोर दिया। उन्होंने निवासियों की भलाई सुनिश्चित करने और बीमारी के प्रकोप को रोकने के लिए चिकित्सा दल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एंबुलेंस और मोबाइल डिस्पेंसरी तैनात करके स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने के महत्व की भी समीक्षा की।
भारी बारिश के कारण भीषण तबाही
इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को देवभूमि द्वारका जिले में भारी बारिश के कारण हुए नुकसान की भी जानकारी दी गई, जिसमें घरों का नुकसान, पशुधन की हानि और इंसानों का हताहत होना शामिल है। उन्हें बताया गया कि 8 घर और झोपड़ियां भारी बारिश के काऱण क्षतिग्रस्त हो गईं, 25 पशु मारे गए और एक व्यक्ति की मौत हुई है, वहीं दो लोग घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बारिश रुकने के बाद तुरंत राहत अभियान शुरू करने को कहा। साथ ही घरेलू सामान के लिए नकद राशि, मुत्यु के लिए मुआवजा और दिशानिर्देशों के अनुसार अन्य राहत उपायों पर ध्यान केंद्रित कराया। बता दें कि देवभूमिर द्वारका में 272 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे 109 गांव प्रभावित हुए हैं।