
NASA की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स के धरती पर लौटने पर बुधवार सुबह गुजरात के मेहसाणा जिले में उनके पैतृक गांव में जश्न का माहौल रहा। झूलासन के सभी लोग टीवी पर इस घटना का सीधा प्रसारण देखने के लिए गांव के मंदिर में एकत्र हुए। सभी की निगाहें सुनीता की सुरक्षित वापसी पर टिकी थीं। सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्षयात्रियों को लेकर कैप्सूल रूपी यान जैसे ही उतरा, ग्रामीणों ने आतिशबाजी शुरू कर दी और 'हर हर महादेव' के जयकारे लगाते हुए झूमने लगे।
गांववाले सुनीता की सुरक्षित वापसी का बेहद बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए मंदिर में ग्रामीणों ने यज्ञ किया और प्रार्थना की। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने सुनीता की सुरक्षित वापसी के लिए मंदिर में अखंड ज्योति जलाई। लगभग नौ महीनों तक इंटरनेशन स्पेस स्टेशन में रहने के बाद जब सुनीता की वापसी जल्द होने की खबर आई तो तभी से झूलासन में उत्साह का माहौल बना हुआ था। उनके नजदीकी रिश्तेदार नवीन पांड्या ने कहा कि गांव के लोगों ने सुनीता की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना की और अखंड ज्योति जलाई।
सम्मान में एक भव्य जुलूस निकाला जाएगा
पांड्या ने कहा कि गांववालों ने उनके सम्मान में एक भव्य जुलूस की योजना बनाई है। गांव में दिवाली और होली जैसा उत्साह बनाने के लिए प्रार्थना सभा होगी और आतिशबाजी की जाएगी। उन्होंने कहा कि गांव के स्कूल से मंदिर तक जुलूस निकाला जाएगा जिसमें स्टूडेंट्स भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जुलूस के मंदिर पहुंचने के बाद अखंड ज्योति को विसर्जित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांववाले सुनीता को झूलासन में आमंत्रित करने के लिए उत्सुक हैं।
तीन बार भारत की यात्रा कर चुकी हैं सुनीता विलियम्स
बता दें कि सुनीता विलियम्स कम से कम तीन बार भारत की यात्रा पर आ चुकी हैं। वह 2007 और 2013 में अंतरिक्ष मिशन के बाद भारत आई थीं। उन्हें 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनके पिता दीपक पांड्या मूल रूप से झूलासन से थे और 1957 में अमेरिका चले गए थे। (With PTI Input)
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