गुजरात में बीजेपी की सरकार फिर चुन ली गई है। लेकिन इसी बीच धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया है। गुजरात के करीब तीन जिलों में कुछ लोगों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया है। इस मामले में कलेक्टर ने आवश्यक कार्रवाई के आदेश दिए हैं। हालांकि धर्म परिवर्तन बिना किसी प्रलोभन के कराए जाने की बात सामने आई है।
गुजरात के महिसागर जिले में धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यहां तीन जिलों के 45 लोग हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म के अनुयायी बने हैं। इस मामले को जिला कलेक्टर का बयान भी सामने आया है।
होटल में रखा गया था धर्म परिवर्तन का कार्यक्रम
दरअसल, जिले के बालासिनोर शहर में होटल गार्डन पैलेस में 45 लोगों के लिए धर्म परिवर्तन के लिए कार्यक्रम रखा गया था। यहां धर्मगुरु ने प्रतिज्ञा दिलाकर उपस्थित 45 लोगों को हिंदू से बौद्ध धर्म स्वीकार कराया। धर्म परिवर्तन करने वालों में महिसागर, पंचमहल ओर खेड़ा जिले के लोग हैं।
धर्म परिवर्तन के लिए नहीं दिया किसी प्रकार का प्रलोभन
धर्म परिवर्तन का मामला सामने आने पर लोगों का कहना है कि उन्होंने बिना किसी प्रलोभन के बौद्ध धर्म स्वीकार किया है। इसके लिए प्रशासन से मंजूरी भी मांगी गई थी। उधर, इस धर्म परिवर्तन मामले की अधिकारियों तक भी पहुंची है।
'चुनाव होने के कारण अर्जियों की जांच नहीं हो पाई', बोले कलेक्टर
महिसागर जिला कलेक्टर का कहना है कि जिले में 29 लोगों ने धर्म परिवर्तन के लिए मंजूरी मांगते हुए अर्जी दी थी। राज्य में विधानसभा चुनाव होने के कारण इन अर्जियों की जांच नहीं हो पाई थी। मामले में जांच करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल,जबरन या लालच देकर धर्मांतरण कराने के मामले में हाल ही में गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। इसमें गुजरात सरकार ने देश में धर्मांतरण पर कड़े कानून बनाने की मांग का समर्थन किया है। हलफनामे में गुजरात सरकार ने कहा कि उसने विधानसभा से राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए कानून पारित किया है।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए हलफनामे में कहा कि संविधान में अपने धर्म का पालन और प्रचार करने की स्वतंत्रता के अधिकार में लोगों को बलपूर्वक या लालच देकर धर्म परिवर्तित कराने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है। धर्म पालन करने की स्वतंत्रता के अधिकार में अन्य लोगों को किसी विशेष धर्म में परिवर्तित करने का मौलिक अधिकार शामिल नहीं है।