
अहमदाबाद: गुजरात के लोथल में पुरातात्विक स्थल के पास खुदाई कार्य के दौरान पिछले साल पीएचडी की एक छात्रा की मौत के बाद पुलिस ने कथित लापरवाही के लिए आईआईटी दिल्ली की एक प्रोफेसर के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। सब इंस्पेक्टर पी. एन. गोहिल ने बताया कि घटना पिछले साल 27 नवंबर को हड़प्पाकालीन पुरातात्विक स्थल के पास हुई थी, लेकिन छात्रा के पिता की शिकायत के बाद 23 मार्च (रविवार) को अहमदाबाद जिले के कोथ थाने में FIR दर्ज की गई थी।
मिट्टी धंसने से हुई मौत
आईआईटी दिल्ली की पीएचडी छात्रा सुरभि वर्मा (23) की मृत्यु उस समय हो गई जब वह अपनी प्रोफेसर यामा दीक्षित के साथ अहमदाबाद से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित लोथल में अपने पुराजलवायु अध्ययन के लिए मिट्टी के सैंपल एकत्र करने के मकसद से गड्ढे के अंदर गई थी और उसी समय 10 फुट गहरे गड्ढे में मिट्टी धंस गई थी। सुरभि की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दीक्षित को गड्ढे से बचा लिया गया।
प्रोफसर के खिलाफ इन धाराओं में केस दर्ज
गोहिल ने बताया सुरभि के पिता रामखेलावन वर्मा की शिकायत के आधार पर कोथ पुलिस ने लापरवाही से मौत का मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।’’ प्रोफेसर यामा दीक्षित के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 106 (लापरवाही से मौत) और 125 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
2000 साल पुराने वातावरण पर शोध करने गई थी सुरभि
एफआईआर के अनुसार, नवंबर 2024 में वर्मा और दीक्षित शोध परियोजना के लिए गुजरात आए, जिसके बाद 27 नवंबर को दोनों एक छात्र और आईआईटी गांधीनगर के एक प्रोफेसर के साथ सैंपल एकत्र करने के लिए लोथल पहुंचे थे। मौके पर पहुंचने के बाद, उन्होंने अहमदाबाद के ढोलका तालुका में हड़प्पा बंदरगाह शहर लोथल के पुरातात्विक अवशेषों के पास से गुजरने वाली सड़क के पास 10 फुट गहरा गड्ढा खोदने के लिए एक ‘अर्थमूवर ऑपरेटर’ को काम पर रखा। जैसे ही वर्मा और दीक्षित मिट्टी के नमूने लेने के लिए अंदर गए, गड्ढा धंस गया। वर्मा की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दीक्षित बच गई, लेकिन उनके सिर में चोट लगी।
एफआईआर के अनुसार, दीक्षित की लापरवाही के कारण वर्मा की मौत हो गई, क्योंकि वह बिना किसी सुरक्षा उपकरण के गड्ढे से सैंपल एकत्र करने के ‘खतरनाक काम’ में लगी हुई थी। इसमें कहा गया है कि मिट्टी के सैंपल एकत्र करने के कार्य के बारे में दीक्षित ने वर्मा को पहले से सूचित नहीं किया था।
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