सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर अदालत के आदेश की अवमानना हुई तो संबंधित अधिकारी को जेल भेज दिया जाएगा। सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि अगर बुलडोजर एक्शन गलत पाया जाता है तो सरकार को ही उसे दोबारा बनवाना होगा। मामला गुजरात के सोमनाथ मंदिर से जुड़ा है। यहां मंदिर के आसपास कथित अवैध निर्माण पर हाल ही में बुलडोजर एक्शन हुआ था।
कथित अवैध निर्माण को गिराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। यह याचिका पाटनी मुस्लिम जमात ने दाखिल की है। इसी याचिका पर पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
कोर्ट ने क्या कहा?
याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर हमारे आदेश की अवमानना हुई होगी तो हम उसे पुनर्स्थापित करने का आदेश देंगे और जिम्मेदार अधिकारी को जेल भी भेजेंगे। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये सरकार की जमीन है। इस पर कार्रवाई का काम 2023 से चल रहा था।
क्या था कोर्ट का आदेश
बुलडोजर एक्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुका है कि सिर्फ आरोपी होने पर किसी का घर गिरा देना उचित नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि दोषी होने पर भी घर नहीं गिराया जा सकता है। हालांकि, घर गिराने की अधिकतर कार्रवाई नगर निगम करता है। नगर निगम अपने दायरे में रहकर उन्हीं आरोपियों के घर गिराता है, जिन्होंने घर बनाते समय नियमों का पालन नहीं किया होता है। ऐसे में सॉलीसिटर जनरल ने पहले भी सरकार के बचाव में कहा था कि नियमों के तहत ही सरकारें कार्रवाई कर रही हैं।