गुजरात के प्रमुख औद्योगिक शहर अहमदाबाद के बाहरी इलाके में मौजूद एक केमिकल गोदाम में बुधवार को भीषण विस्फोट के बाद आग लग गई। विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि गोदाम का एक हिस्सा ढह गया। इस हादसे में अब तक 12 मजदूरों के मारे जाने की खबर है। मृतकों में 12 महिलाएं भी शामिल हैं। नौ अन्य लोग घायल बताए जा रहे हैं। घटना के बाद राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। वहीं मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने घटना के बाद मुआवजे का ऐलान कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक औद्योगिक क्षेत्र, पिराना-पिपलाज रोड पर स्थित इमारत में विस्फोट हुआ। इस गोदाम में रसायन के ड्रम रखे हुए थे। बुधवार सुबह से लेकर रात तक करीब नौ घंटे तक तलाश और बचाव अभियान चलाया गया। शहर के अग्निशमन दल ने मलबे से 12 शवों को निकाला और नौ अन्य लोगों को बचाया है। अभियान रात करीब आठ बजकर 30 मिनट पर खत्म हुआ। घायलों को अहमदाबाद नगर निगम संचालित एलजी अस्पताल ले जाया गया है।
आसपास की इमारतों में भी लगी आग
बताया जा रहा है कि इस धमाके से पड़ोस के दूसरे गोदामों में भी आग लग गई। इन गोदामों में मजदूर तैयार कपड़ों को पैक कर रहे थे। दमकल विभाग के प्रमुख अधिकारी एम. एफ. दस्तूर ने कहा, 'हमारा अभियान अब खत्म हो गया है। हमने मलब से 12 शवों को निकाला है। नौ लोगों को जिंदा बचाया गया है। आग पर 30 मिनट के अंदर काबू पा लिया गया था। हमारा अभियान मुख्य रूप से मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालना था।’
राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘अहमदाबाद के गोदाम में आग लगने से जानमाल के नुकसान की खबर से मैं व्यथित हूं। मृतकों को श्रद्धांजलि और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं। अधिकारी प्रभावित लोगों को हरसंभव मदद पहुंचा रहे हैं।’ इसके साथ ही राष्ट्रपति कोविंद ने भी कहा कि वह अहमदाबाद में एक गोदाम में आग लगने से हुई मौतों की खबर सुनकर दुखी हैं। कोविंद ने ट्वीट किया, 'गुजरात के अहमदाबाद में एक गोदाम में आग लगने से हुई मौतों की खबर सुनकर दुख हुआ। शोकाकुल परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।'
मुख्यमंत्री ने की मुआवजे की घोषणा
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मृतक के परिवारों को चार-चार लाख रुपये की राशि मुआवजे के रूप में देने की घोषणा की है। एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों विपुल मित्रा और संजीव कुमार को घटना की जांच के लिए नियुक्त किया है।