Asaduddin Owaisi: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी फुल एक्शन में हैं। धुआंधार रैलियां कर रहे हैं। मुस्लिम बहुल इलाकों में जाकर प्रधानमंत्री मोदी को टारगेट कर रहे हैं। कल रात वो सूरत ईस्ट विधानसभा में अपने उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करने गए थे। इस दौरान गुजरात की सियासी लड़ाई में एक चौंकाने वाली तस्वीर आई है। ये तस्वीर ओवैसी के चुनावी मंसूबों पर पानी फेरने वाली है। दरअसल, मंच पर जैसी ही ओवैसी ने भाषण शुरू किया वैसे ही मुस्लिम युवकों ने विरोध में नारे लगाने शुरू कर दिए।
मुस्लिम युवक मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे
सूरत की रैली में ओवैसी को मुस्लिम युवकों ने काले झंडे दिखाए और ओवैसी वापस जाओ के नारे लगाए। सूरत की रैली में ओवैसी जैसे ही मंच पर भाषण देने के लिए खड़े हुए वहां मौजूद मुस्लिम युवक मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। मुस्लिम युवकों ने पहले मोदी के नाम के नारे लगाए और फिर ओवैसी वापस जाओ के नारे लगाने लगे।
ओवैसी जहां भी रैली करने जाते हैं अपने समर्थकों का हुजूम लेकर जाते हैं। समर्थक ओवैसी की तकरीर पर नारे लगाते हैं, लेकिन सूरत में उल्टा हो गया। रैली वाली जगह पर बड़ी तादाद में स्थानीय युवक मौजूद थे। उन्होंने मोदी के समर्थन और ओवैसी के विरोध में नारेबाजी शुरू कर दी और मंच पर खड़े ओवैसी ये सब देखते रह गए।
रैली में क्या बोले AIMIM चीफ ओवैसी?
अपने हर रैली में मुस्लिम कार्ड खेलने वाले ओवैसी ने इस दौरान भाषण में दलित कार्ड खेलना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री दलित, आदिवासी और OBC के विरोधी हैं, वो वंचितों का हक छीन कर ऊंची जाति के लोगों को दे रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं हमारे दलित भाइयों, हमारे वंचित भाइयों, आदिवासी भाइयों और ओबीसी भाइयों को ये बताना चाहूंगा कि ये कानून भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बनाया।"
उन्होंने आगे कहा, "2019 से पहले जब वह कानून बन रहा था, जिसको कहा गया कि 10 प्रतिशत आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को मिलेगा। मैंने संसद में खड़े होकर उस कानून का विरोध किया और उस वक्त भी कहा था कि ये भारत के संविधान से धोखा है। ये फ्रॉड मोदी सरकार कर रही है। ये इस तरह का कानून बनाकर बाबा साहब अंबेडकर के सपनों को चकनाचूर कर रही है। मैं ना सिर्फ गुजरात बल्कि पूरे भारत के हमारे दलित, आदिवासी और ओबीसी सेक्शन के भाइयों को बताना चाहूंगा कि इस कानून के जरिए बीजेपी ने जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नाम पर जो कानून बनाया है वो EWS का कानून नहीं है, बल्कि वह अपर कास्ट के लिए कानून बनाया गया है।