दाहोदः गुजरात के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार एवं उसके परिवार के सदस्यों की हत्या के सभी दोषी ‘पुलिस की निगरानी’ में हैं और वे लापता नहीं हुए हैं। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने दिन में 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के 11 दोषियों को आत्मसमर्पण करने के लिए और समय देने से इनकार कर दिया था।
पुलिस कस्टडी में हैं दोषी
दाहोद जिले की सहायक पुलिस अधीक्षक बिशाखा जैन ने कहा कि ‘जब से सुप्रीम कोर्ट ने (दोषियों को सजा में मिली छूट को रद्द करने का) अपना फैसला सुनाया, तब से वे पुलिस की निगरानी में हैं। हमने उसी दिन उन सभी से संपर्क किया और ऐसा नहीं लगा कि उनका इरादा संपर्क में नहीं रहने का है।’’ दोषी दाहोद के सिंगवाड तालुका के सिंगवाड और रंधिकपुर गांवों के हैं।
लापता होने का खंडन
आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘‘उन्हें पता था कि उन्हें आत्मसमर्पण करना होगा और वे सुप्रीम कोर्ट के (आठ जनवरी के) आदेश के बाद स्वेच्छा से हमें अपने ठिकाने के बारे में सूचित करने के लिए पुलिस स्टेशन आए। इसमें कोई सच्चाई नहीं है कि वे लापता हो गए हैं।’’ न्यायमूर्ति बी. वी.नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर समय से पहले रिहा किए गए दोषियों को 21 जनवरी तक जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को उन्हें और समय देने से इनकार कर दिया।
बता दें कि इससे पहले सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाह फैली थी कि दोषी फरार हो गए हैं लेकिन अब पुलिस ने इसका खंडन किया है और कहा कि दोषी उसकी कस्टडी में है। फिलहाल दोषियों को हर हाल में कोर्ट में सरेंडर करना पड़ेगा।