Highlights
- कोई वेज खाए या नॉनवेज खाए इसे लेकर हमारे मन में कोई सवाल नहीं।
- लारी पर बिकने वाला खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए।
- कोई लारी ट्रैफिक में बाधा पैदा करती है तो उसे हटाना चाहिए।
अहमदाबाद: गुजरात में कुछ महापालिकाओं में पोलिटिकल विंग द्वारा रास्तों से नॉन-वेज के ठेले हटाने की घोषणा के चलते जो विवाद पैदा हुआ है उस पर आज मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सफाई देते हुआ कहा की उनकी सरकार को किसी के कुछ भी खाने से कोई आपत्ति नहीं है। उन्होनें अपने बयान में कहा कि कोई वेज खाए या नॉनवेज खाए इसे लेकर हमारे मन में कोई सवाल नहीं, बस बात इतनी ही है कि लारी पर बिकने वाला खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होना चाहिए और अगर कही कोई लारी ट्रैफिक में बाधा पैदा करती है तो उसे पालिका और महानगरपालिका को हटाना चाहिए, पर इसके लिए वेज या नॉन वेज की बात अनियमित है जिसे जो खाना है वो खा सकता है इसमें हमें कोई ऑब्जेक्शन नहीं है।
गुजरात के अहमदाबाद में धार्मिक स्थानों और सार्वजनिक मार्ग पर अंडे और नॉनवेज की रेहड़ी खड़ी रखने पर पाबंदी लगा दी गई है। अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने ये फैसला लिया है. ऐसे में अहमदाबाद शहर में स्कूल, कॉलेज, कम्युनिटी हॉल, मंदिर के पास अंडे और नॉनवेज नहीं बेचे जा सकेंगे। 16 नवंबर से अहमदाबाद में यह निर्णय लागू होगा। गुजरात में इससे पहले भावनगर, जूनागढ़ , राजकोट और बड़ौदा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने धार्मिक स्थलों के आस-पास और सार्वजनिक मार्गों पर नॉनवेज व अंडे की दुकान नहीं लगाने के आदेश दिए गए थे।
अहमदाबाद नगर निगम की टाउन प्लानिंग कमेटी के अध्यक्ष देवांग दानी ने कहा, "स्कूलों, कॉलेजों और धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में और सार्वजनिक सड़कों पर मांसाहारी सामान बेचने की अनुमति नहीं होगी। कल से ये फैसला लागू होगा।"
बता दें कि अहमदाबाद नगर निगम से सड़क किनारे मांसाहार की बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की गई थी। अहमदाबाद नगर निगम के राजस्व समिति के अध्यक्ष जैनिक वकील ने शनिवार को नगर निगम के कमिश्नर और स्टैंडिंग कमिटी को पत्र लिखकर सड़कों पर मांसाहारी भोजन की बिक्री पर पाबंदी लगाने की मांग की थी।
उन्होंने लिखा था, "हाल के दिनों में सार्वजनिक स्थलों पर मांस, मटन और मछली की बिक्री के चलते नागरिक सड़कों पर नहीं जा सकते हैं। साथ ही यहां के निवासियों की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंची है। ऊपर से स्वच्छता, जीव दया और अपनी संस्कृति का पालन करने के लिए यह पाबंदी लगाना जरूरी हो गया है।"