Highlights
- साधुओं के बीच आश्रम की वसीयत पर विवाद
- अहमदाबाद में भारती बापू आश्रम का मामला
- चिट्ठी लिख गायब हो गए थे हरिहरानंद बापू
Bharti Ashram Dispute: दो साधुओं के बीच आश्रम को लेकर पिछले एक साल से चल रहे विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। ये मामला गरुडेश्वर के गोरा गांव के संत महामंडलेश्वर भारती बापू के अहमदाबाद में सरखेज स्थित आश्रम का है। बता दें कि भारती बापू के गुजरात भर में जूनागढ़, अहमदाबाद, नर्मदा समेत कई आश्रम हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है।
क्या है विवाद-
2021 में भारती बापू के देहांत के बाद उनके अहमदाबाद आश्रम को लेकर पिछले एक साल से विवाद चल रहा है। रूशी भारती बापू और गुरु हरिहरानंद के बीच आश्रम की ऑथोरिटी को लेकर विवाद चल रहा है, जिसमे हरिहरानंद बापू के अनुसार भारती बापू के देहांत के बाद वो इसके कर्ता-धर्ता हैं जबकि रूशी भारती बापू का दावा है कि उनके पास जो वसियत है उसके अनुसार आश्रम पर उनका हक बनता है। विवाद बढ़ा तो मामला पुलिस और कोर्ट तक भी पहुंच गया। हरिहरानंद बापू के सेवकों के अनुसार असली वसियत महामंडलेश्वर हरिहरानंद भारती बापू के नाम पर है और रूशी भारती बापू ने अपने नाम पर गलत वसियत बनाकर आश्रम पर कब्ज़ा जमा लिया।
चिट्ठी लिख गायब हो गए थे साधू-
रूशी भारती बापू का दावा है कि वसियत के अनुसार इस आश्रम ट्रस्ट के उत्तराधिकारी वह हैं जबकि संत हरिहरानंद का कहना है कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है और उन्हें मानसिक रूप से टार्चर किया गया है। इस विवाद के चलते कुछ दिनों पहले हरिहरानंद बापू अचानक से चिट्ठी लिख कर गायब हो गए थे। उन्हें मानसिक टार्चर करने वाला एक विडियो भी वायरल हुआ था।
30 अप्रैल को दोपहर 12 बजे हरिहरानंद अहमदाबाद सिविल अस्पताल के पास डॉ रविन्द्र लोढा के पास चेकअप कराने गए थे जहां से वह शाम को साढ़े पांच बजे केवड़िया आश्रम के लिए निकले थे। इसके बाद हरिहरानंद अपने वडोदरा के सेवक राकेश डोडिया ने भोजन कराने के बाद उन्हें कपुराई क्रोस रोड पर उतारा था। हरिहरानंद को वहां से करेली बाग श्मशान में अपने शिष्य कालू भारती के पास जाना था, लेकिन हरिहरानंद बापू वडोदरा के कपुराई क्रॉस रोड से गायब हो गए थे।वडोदरा
जब 1 मई को वह अपने आश्रम नहीं पहुंचे तो राकेश डोडिया से संपर्क किया गया, उन्होंने बताया कि बापू को उन्होंने कपुराई क्रोस रोड पर उतारा था। उसके बाद जूनागढ़ समेत दूसरे आश्रमों में भी पूछताछ की गई लेकिन हरिहरानंद बापू वहां पर भी नहीं थे। इस दौरान उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें उन्होंने विवाद और फर्जी विल को लेकर बात की थी। इसमें बापू ने खुद पर हो रहे मानसिक प्रताड़न और उनकी इज्ज़त पर कीचड़ उछालने की भी बात की थी और अंत में कहा था कि मैं इस सब से उब चूका हूं इसलिए मैं छोड़ कर जा रहा हूं।
कैसे लगा सुराग-
हरिहरानंद बापू के गुम होने के बाद वडोदरा के वाडी पुलिस स्टेशन में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। गुम होने की रात को उन्हें कपुराई क्रोस रोड के पास स्थित कृष्णा होटल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में देखा गया था, जिसके बाद क्राइम ब्रांच द्वारा 5 टीम बनाकर उन्हें ढूंढने के लिए प्रयास शुरू किये गए थे। आखिरकार वो नासिक के पास एक कार में मिले थे जहां से वडोदरा क्राइम ब्रांच उन्हें पूछताछ के लिए लेकर गई, उनके ही एक सेवक ने उन्हें नासिक से ढूंढ निकाला था।
पुलिस की पूछताछ के दौरान अगर हरिहरानंद की बात सच निकलती है और वे इसकी पूरी जानकारी और सबूत देंगे तो पुलिस उस मामले में आगे कार्रवाई करेगी। गौरतलब है की बापू वडोदरा से एक टैम्पो में बैठ कर नासिक गए थे। इस मामले में रूशी भारती बापू पर आरोप लगने पर उन्होंने कहा कि हरिहरानंद खुद गए थे और खुद ही वापिस आ गए हैं, उन्होंने कुछ नहीं किया है। भारती बापू ने कहा कि उन पर इस प्रॉपर्टी को लेकर हमले हो रहे हैं। हालांकि अभी भी क्राइम ब्रांच में हरिहरानंद की पूछताछ चल रही है जिसके बाद ही पूरी सच्चाई सामने आ पाएगी।